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Opposition On Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल पर विपक्षी गठबंधन में अलग-अलग राय, सोनिया और अधीर ने कांग्रेस को दिया श्रेय, लालू की पार्टी से विरोध के संकेत

विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों की महिला आरक्षण बिल पर अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। कांग्रेस इसे अपना बता रही है। वहीं, गठबंधन में शामिल लालू यादव की आरजेडी ने महिला आरक्षण बिल में भी कोटा मांगा है।

नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों की महिला आरक्षण बिल पर अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। कांग्रेस इसे अपना बता रही है। वहीं, गठबंधन में शामिल लालू यादव की आरजेडी ने महिला आरक्षण बिल में भी कोटा मांगा है। आरजेडी ने संकेत दिए हैं कि अगर ऐसा न हुआ, तो वो बिल का समर्थन नहीं करेगी। बता दें कि आरजेडी और सपा उन विपक्षी पार्टियों में हैं, जो पहले भी महिला आरक्षण बिल का विरोध करती रही हैं और सदन में बिल की प्रति तक छीनकर फाड़ दी थी। बहरहाल, पहले बात करते हैं महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस की और बताते हैं कि सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा।

adhir ranjan chowdhury and sonia

संसद पहुंचीं सोनिया गांधी से जब महिला आरक्षण बिल के मसले पर मीडिया ने प्रतिक्रिया चाही, तो उन्होंने कहा कि ये हमारा है, ये अपना ही है। यानी सोनिया गांधी ने साफ तौर पर महिला आरक्षण बिल के लिए अपनी पार्टी को श्रेय दिया है। सुनिए सोनिया गांधी ने क्या कहा।

वहीं, लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी महिला आरक्षण बिल जल्दी पेश करने की मांग उठाई। उन्होंने इस बिल के लिए सोनिया गांधी को श्रेय दिया। अधीर रंजन ने कहा कि महिला आरक्षण बिल लाने की शुरुआत यूपीए सरकार और खासकर सोनिया गांधी ने की थी।

वहीं, आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि लालू के समय से पार्टी का मानना है कि महिला आरक्षण बिल पर एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं का कोटा होना चाहिए। कोटे के भीतर कोटे की मांग कर आरजेडी सांसद ने संकेत दिया कि अगर बिल में ऐसा न हुआ, तो उनकी पार्टी विरोध करेगी।

ममता बनर्जी की टीएमसी की सांसद डोला सेन ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार महिला आरक्षण बिल ला रही है। उन्होंने कहा कि टीएमसी इस बिल का समर्थन करेगी।

वहीं, विपक्षी गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी ने महिला आरक्षण बिल पर कहा है कि वो इसका समर्थन करती है।

कुल मिलाकर विपक्ष में ही महिला आरक्षण बिल को लेकर अलग-अलग राय दिख रही है। ऐसे में नजर इस पर है कि संसद में जब बिल पेश होगा, तो इन पार्टियों का रुख ऐसा ही दिखेगा या आम राय कायम करने में वो सफल होंगे।