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MP: दिग्विजय सिंह साधते हैं सिंधिया पर निशाना, वहीं उनके भाई लक्ष्मण कर रहे तारीफ, बजरंग दल को भी एंटी नेशनल मानने से इनकार

दिग्विजय सिंह ये भी कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने मंजूरी दी, तो वो गुना संसदीय सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ लोकसभा का चुनाव भी लड़ेंगे। वहीं, अब दिग्विजय सिंह के भाई और मध्यप्रदेश की चाचौड़ा सीट से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की तारीफ करते हुए उनकी याद आने की बात कही है।

भोपाल। कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह लगातार केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते रहते हैं। दिग्विजय सिंह ये भी कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने मंजूरी दी, तो वो गुना संसदीय सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ लोकसभा का चुनाव भी लड़ेंगे। वहीं, अब दिग्विजय सिंह के भाई और मध्यप्रदेश की चाचौड़ा सीट से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की तारीफ करते हुए उनकी याद आने की बात कही है। लक्ष्मण सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वो सिंधिया को मिस करते हैं। दिग्विजय सिंह के भाई ने ये भी कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस में रहना पार्टी के फायदेमंद था।

laxman singh 2

लक्ष्मण सिंह ने आगे कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बहुत अच्छे वक्ता हैं और उनमें काफी क्षमता है। उन्होंने कहा कि सिंधिया की क्षमता को लेकर कोई शक नहीं है। लक्ष्मण सिंह ने फिल्म द केरला स्टोरी के बारे में भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि केरल में वो चाय कंपनी में नौकरी करते थे। तब धर्मांतरण होते हुए देखा था। उन्होंने कहा कि फिल्म में जो दिखाया गया, पता नहीं कितनी सच्चाई उसमें है, लेकिन केरल में ऐसा होता है। कई परिवार धर्मांतरण के शिकार बनाए गए हैं। उन्होंने बजरंग दल पर बैन के सवाल पर कहा कि एनआईए कुछ नहीं कह रहा है और उनको भी बजरंग दल में एंटी नेशनल जैसा कुछ नहीं दिखता।

digvijay singh and laxman singh

बता दें कि लक्ष्मण सिंह अपनी साफगोई के लिए काफी पहचाने जाते हैं। उन्होंने साल 2021 में ये तक कह दिया था कि मध्यप्रदेश में किसानों को कर्जमाफी का फायदा कांग्रेस सरकार ने नहीं दिया। जबकि, कांग्रेस के घोषणापत्र में था कि मध्यप्रदेश में सरकार बनने पर वो किसानों की कर्जमाफी करेगी। इसके अलावा भी कई बार लक्ष्मण सिंह अपने भाई और पार्टी के रुख से अलग राय रखते रहे हैं।