नई दिल्ली/बेंगलुरु। कर्नाटक में 135 विधानसभा सीटों के साथ सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस अब तक राज्य का सीएम नहीं चुन सकी है। एक तरफ सिद्धारामैया हैं। उनके पक्ष में ज्यादातर विधायक बताए जा रहे हैं। सिद्धारामैया के मुकाबले प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार हैं। शिवकुमार के बारे में बताया जा रहा है कि वो सीएम पद के लिए अड़ गए हैं। न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक शिवकुमार ने साफ-साफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बता दिया है कि सीएम का पद उनको ही मिलना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक शिवकुमार ने इसके लिए अपने विरोधी सिद्धारामैया पर तमाम आरोप भी लगा दिए हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे से शिवकुमार ने मंगलवार को मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान सीएम पद को लेकर दोनों नेताओं में लंबी चर्चा हुई। इसी दौरान शिवकुमार ने कहा कि सीएम पद पर अब उनका दावा मानना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि सिद्धारामैया एक बार सीएम रह चुके हैं। इसके अलावा उनके सीएम रहते कर्नाटक में कुशासन का आरोप भी लगाया। सूत्रों के अनुसार शिवकुमार ने ये आरोप भी लगाया कि 2018 में जब जेडीएस के साथ मिलकर कांग्रेस ने सरकार बनाई, तब भी वो सरकार सिद्धारामैया की वजह से ही नहीं चल सकी थी। सूत्रों के मुताबिक शिवकुमार के इसी अड़ियल रुख की वजह से राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं के साथ माथापच्ची कर चुके मल्लिकार्जुन खरगे अब तक सीएम के लिए नाम तय नहीं कर सके हैं।
वहीं, कर्नाटक में एक और नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल होता दिख रहा है। उनका नाम जी. परमेश्वर है। परमेश्वर भी कर्नाटक के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते हैं। पहले खबर आई थी कि परमेश्वर को नई सरकार में डिप्टी सीएम बनाया जाएगा, लेकिन उन्होंने मंगलवार को अपने इरादे ये कहकर साफ कर दिए कि चाहें तो 50 विधायकों का समूह बना सकते हैं। हालांकि, परमेश्वर ने ये कहा है कि पार्टी हाईकमान पर उन्होंने सबकुछ छोड़ रखा है, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि कर्नाटक का सीएम बनाने पर बेहतर काम करके दिखाएंगे। अब देखना ये है कि तीन दावेदारों में से किसी को कर्नाटक का जिम्मा कांग्रेस सौंपती है, या फिर किसी चौथे के हाथ बाजी लगती है।