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Deoria: योगी के राज में ऑन द स्पॉट न्याय, बिजली कनेक्शन न देने पर जेई को डीएम ने पुलिस हिरासत में भेजा, जांच के भी आदेश

Deoria: एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जेई को हिरासत में लेने के डीएम के फैसले पर सवाल खड़े हो गए हैं और चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

लखनऊ। बरहज तहसील में एक तहसील दिवस कार्यक्रम के दौरान एक नाटकीय घटनाक्रम में जिला मजिस्ट्रेट अखंड प्रताप सिंह ने बिजली कनेक्शन प्रदान करने में कथित अनियमितताओं के लिए एक जूनियर इंजीनियर (जेई) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। डीएम ने जेई को मौके पर ही पुलिस हिरासत में लेने का आदेश दिया, जिससे विभाग के उन कर्मचारियों में हड़कंप मच गया जो उनके निर्देशों के प्रति अवज्ञा प्रदर्शित कर रहे थे। डीएम का यह अभूतपूर्व कदम तहसील दिवस कार्यक्रम के दौरान एक स्थानीय वकील द्वारा दायर शिकायत के जवाब में आया।

तहसील दिवस का है पूरा मामला

शनिवार को आयोजित तहसील दिवस कार्यक्रम में जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। कार्यवाही के बीच, एक शिकायतकर्ता बिजली कनेक्शन से संबंधित अनियमितताओं के आरोप लेकर सामने आया। शिकायतकर्ता ने मामले के जिम्मेदार जूनियर इंजीनियर (जेई) पर जांच के दौरान संतोषजनक जवाब न देने का आरोप लगाया है। अपने सख्त रुख के लिए मशहूर डीएम ने तुरंत जेई को पुलिस निगरानी में भेजने का फैसला किया।

स्थानीय वकील द्वारा शिकायत

बरहज तहसील के खोरा गांव निवासी छेदीलाल यादव पेशे से वकील हैं। उन्होंने 19 अगस्त को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। उनके आवेदन की जानकारी जेई को थी, लेकिन करीब एक माह बीतने के बावजूद सत्यापन व कनेक्शन की प्रक्रिया अनसुलझी रही। प्रगति की कमी से निराश होकर, यादव ने मामलों को अपने हाथों में लेने का फैसला किया और तहसील दिवस कार्यक्रम के दौरान तहसील कार्यालय का दौरा किया।


डीएम की त्वरित कार्रवाई

यादव की शिकायत सुनने के बाद जिला मजिस्ट्रेट अखंड प्रताप सिंह ने मुद्दे को संबोधित करने में कोई समय बर्बाद नहीं किया। उन्होंने बिजली कनेक्शन में देरी को लेकर जूनियर इंजीनियर से बात की और उनका जवाब असंतोषजनक पाया। डीएम ने अटूट संकल्प दिखाते हुए जेई को मौके पर ही पुलिस निगरानी में रखने का आदेश दिया, इस कदम से पूरे विभाग में हड़कंप मच गया।

अभूतपूर्व कदम ने उठाए सवाल

एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जेई को हिरासत में लेने के डीएम के फैसले पर सवाल खड़े हो गए हैं और चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कुछ लोग इसे भ्रष्टाचार और अक्षमता के खिलाफ एक मजबूत रुख के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इस मुद्दे से निपटने के असामान्य तरीके से चिंतित हैं। जैसे-जैसे कहानी सामने आती जा रही है, देवरिया के निवासी उत्सुकता से देख रहे हैं कि इस घटना का सरकारी विभागों के साथ भविष्य के व्यवहार पर क्या प्रभाव पड़ेगा।