नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) में लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के प्रस्तावक रहे डोम राजा जगदीश चौधरी (Dom Raja Jagdish Chaudhary) का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। परिजनों के अनुसार, वह कुछ समय से बीमार थे और निजी अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन का समाचार सुनकर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने भी ट्वीट कर दुख जताया। परिजनों के अनुसार, वह कई दिनों से अस्वस्थ्य थे। वह कुछ समय से पैर में घाव से भी पीड़ित थे। रात में अत्यधिक तबीयत खराब होने पर सुबह में परिवारीजन सिगरा स्थित निजी चिकित्सक के यहां ले गए, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। जगदीश चौधरी के परिवार में पत्नी, दो पुत्रियां और एक पुत्र है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनर्पयत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।”
वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनपर्यंत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 25, 2020
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने लिखा, “सामाजिक समरसता की भावना के प्रतीक पुरुष, काशीवासी डोमराजा श्री जगदीश चैधरी जी का निधन अत्यंत दुखद है। श्री जगदीश चौधरी जी का कैलाशगमन संपूर्ण भारतीय समाज की एक बड़ी क्षति है। बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि आपको अपने परमधाम में स्थान प्रदान करें। शांति!”
सामाजिक समरसता की भावना के प्रतीक पुरुष, काशीवासी डोमराजा श्री जगदीश चौधरी जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
श्री जगदीश चौधरी जी का कैलाशगमन सम्पूर्ण भारतीय समाज की एक बड़ी क्षति है।
बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि आपको अपने परमधाम में स्थान प्रदान करें।
ॐ शांति!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 25, 2020
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी लोकसभा के लिए नामांकन के दिन सभी की नजरें प्रस्तावकों पर लगी हुई थीं। इसी में एक नाम जगदीश चौधरी का भी था, जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का प्रस्तावक बनने की खुशी जाहिर की थी। चौधरी ने कहा था, “प्रधानमंत्री मोदी का प्रस्तावक बनने का मौका मुझे मिला है। पहली बार किसी नेता या प्रधानमंत्री ने डोम समाज के बारे में सोचा है।”
उन्होंने कहा था, “पहली बार किसी राजनीतिक दल ने हमें यह पहचान दी है। हम बरसों से लानत झेलते आए हैं। हालात पहले से सुधरे जरूर हैं, लेकिन समाज में हमें पहचान नहीं मिली है और प्रधानमंत्री चाहेंगे तो हमारी दशा जरूर बेहतर होगी। उन्होंने यह भी कहा था कि नेता वोट मांगने आते हैं, लेकिन बाद में कोई सुध नहीं लेता।”
हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट में करीब 500 से 600 डोम रहते हैं। जबकि उनकी बिरादरी में पांच हजार से ज्यादा लोग हैं। दोनों घाटों पर सभी डोम की बारी लगती है और कभी दस दिन या बीस दिन में बारी आती है। बाकी दिन बेगारी। कोई स्थायी नौकरी नहीं है और कमाई भी इतनी नहीं कि बच्चों को अच्छी जिंदगी दे सकें।