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Sharad Vs Ajit! शरद पवार से नाराज हुए भतीजे अजित, सरेआम कर दी एनसीपी सुप्रीमो की फजीहत

अजित और शरद पवार के बीच पहले भी तनातनी की खबरें जाहिर हो चुकी हैं। यहां तक कि अजित ने जब महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार गठन के लिए शपथ ले ली थी, तो उन्हें पार्टी से निकालने की चेतावनी भी शरद पवार ने दी थी। तब अजित को किसी तरह वापस एनसीपी में लाया गया था।

नई दिल्ली। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के खानदान में क्या सबकुछ ठीक नहीं है? ये सवाल रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय अधिवेशन में हुई एक घटना की वजह से उठ रहा है। सियासी गलियारों में शरद पवार के भतीजे अजित की एक हरकत की चर्चा हो रही है। दरअसल, अजित की वजह से एनसीपी की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। यहां तक कि अजित ने शरद पवार के सामने खुलेआम अपनी नाराजगी तक जता दी। हुआ ये कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एनसीपी का राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा था। स्टेडियम में मंच सजा था। मंच पर शरद समेत तमाम बड़े नेता बैठे थे। इनमें अजित पवार भी थे। पहले अधिवेशन को शरद पवार ने संबोधित किया। उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल का नाम संबोधन के लिए बुलाया गया। बस यहीं अजित का गुस्सा शायद भड़क गया।

जयंत पाटिल के संबोधन के बाद अजित पवार को संबोधित करने के लिए न्योता दिया गया। अजित इस पर अपनी जगह से उठे और चले गए। अजित को जाते देखकर उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। अजित को बुलाने के लिए शरद पवार की बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले को उनके पीछे भेजा गया, लेकिन वो भी नाराज अजित को वापस लाने में नाकाम रहीं। इस दौरान नारेबाजी होती रही और अजित के समर्थकों को शांत कराने की कोशिश नेता करते रहे। पार्टी के एक और कद्दावर नेता प्रफुल्ल पटेल लगातार माइक पर कहते रहे कि अजित वॉशरूम गए हैं और लौटेंगे, लेकिन अजित जा चुके थे। बड़ी मुश्किल से अजित पवार के समर्थकों को शांत कराया जा सका।

ajit pawar and devendra fadnavis

इस पूरे घटनाक्रम को शरद पवार मंच पर चुपचाप बैठकर देखते रहे। बता दें कि अजित और शरद पवार के बीच पहले भी तनातनी की खबरें जाहिर हो चुकी हैं। यहां तक कि अजित ने जब महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार गठन के लिए शपथ ले ली थी, तो उन्हें पार्टी से निकालने की चेतावनी भी शरद पवार ने दी थी। तब अजित को किसी तरह वापस एनसीपी में लाया गया था। जिसके बाद महाविकास अघाड़ी सरकार में उनको बड़ी जिम्मेदारी के तौर पर मंत्रीपद सौंपा गया था।