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Manipur Violence: मणिपुर में बिगड़ती स्थिति के चलते 5 जिलों में AFSPA लागू, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

Manipur Violence: यह कदम मणिपुर सरकार द्वारा एक अक्टूबर को जारी किए गए आदेश के बाद आया है, जिसमें 19 थाना क्षेत्रों को AFSPA से बाहर कर दिया गया था। इनमें इंफाल, लाम्फाल, सिटी, सिंगजामेई, लैमसांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइनगांग, इरिलबंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरंग, काकचिंग और जिरीबाम शामिल थे।

नई दिल्ली। मणिपुर में बढ़ती हिंसा और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य के 5 जिलों को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित करते हुए वहां AFSPA फिर से लागू कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस फैसले को लेकर अधिसूचना जारी की है। इससे पहले एक अक्टूबर 2024 को इन इलाकों को AFSPA की अधिसूचना से बाहर कर दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, यह फैसला मणिपुर में जारी जातीय हिंसा और अस्थिरता की स्थिति को देखते हुए लिया गया है। जिन थाना क्षेत्रों में AFSPA को फिर से लागू किया गया है, उनमें इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई और लमसांग, इंफाल पूर्वी जिले का लमलाई, जिरीबाम जिले का जिरीबाम, कांगपोकपी जिले का लीमाखोंग और बिष्णुपुर जिले का मोइरांग शामिल हैं।


यह कदम मणिपुर सरकार द्वारा एक अक्टूबर को जारी किए गए आदेश के बाद आया है, जिसमें 19 थाना क्षेत्रों को AFSPA से बाहर कर दिया गया था। इनमें इंफाल, लाम्फाल, सिटी, सिंगजामेई, लैमसांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइनगांग, इरिलबंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरंग, काकचिंग और जिरीबाम शामिल थे।

जिरीबाम में बढ़ती हिंसा

हाल ही में मणिपुर के जिरीबाम जिले में छद्म वर्दीधारी और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने एक पुलिस थाने और निकटवर्ती सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले के बाद सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। इसके ठीक एक दिन बाद इसी जिले में सशस्त्र आतंकवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया, जिससे इलाके में और दहशत फैल गई है।


जातीय संघर्षों का प्रभाव

पिछले साल मई से मणिपुर में इंफाल घाटी में बसे मेइती समुदाय और आसपास की पहाड़ियों पर रहने वाले कुकी-जो समूहों के बीच जारी जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। जिरीबाम, जो पहले इन संघर्षों से अछूता था, इस साल जून में एक किसान के क्षत-विक्षत शव मिलने के बाद हिंसा की चपेट में आ गया। केंद्र सरकार का यह कदम मणिपुर में शांति और स्थिरता बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। AFSPA की बहाली से सुरक्षा बलों को इन संवेदनशील इलाकों में और अधिक शक्ति मिलेगी, जिससे वे हिंसा को काबू में कर सकें।