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Real Vs Fiction: आतंकी था यासीन मलिक, लेकिन PM रहते मनमोहन ने किया शेकहैंड; इस उद्योगपति ने बताया था सेकुलर

आपको लगता होगा कि यासीन मलिक फिर जेल भी तो गया होगा। जी नहीं। पकड़ा भले ही कई बार गया हो, लेकिन उसे उसके इन घिनौने आतंकी कर्मों की वजह से किसी सरकार ने अब तक सजा नहीं दिलाई थी। मोदी सरकार के दौर में उसके पापों का हिसाब लिए जाने की शुरुआत हुई।

नई दिल्ली। वो जम्मू-कश्मीर में आतंक का आका था। उसके नाम से लोग थर-थर कांपते थे। उसने अपने लोगों के जरिए न जाने कितने कत्ल कराए। भारतीय वायुसेना के अफसरों की सरेआम गोली मारकर उसने जान ली। वो इतना ताकतवर हो चुका था कि देश के गृहमंत्री के पद पर रहते मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया को अगवा कर अपने 5 आतंकी साथियों को छुड़ा लिया। आतंक के इस आका का नाम है यासीन मलिक। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट JKLF का चीफ। आतंक के उसके सारे चेहरे पिछले दिनों आई और बॉक्स ऑफिस पर धमाल करने वाली फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में भी दिखाए गए थे।

yasin malik and manmohan singh

आपको लगता होगा कि यासीन मलिक फिर जेल भी तो गया होगा। जी नहीं। पकड़ा भले ही कई बार गया हो, लेकिन उसे उसके इन घिनौने आतंकी कर्मों की वजह से किसी सरकार ने अब तक सजा नहीं दिलाई थी। जम्मू-कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने यासीन मलिक और उसके साथियों को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया। इससे पहले हत्यारा यासीन मलिक किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं था। आतंक बरपाकर वो कश्मीर का नेता बन गया था। मनमोहन सिंह से प्रधानमंत्री आवास में जाकर हाथ मिलाने की उसकी ये तस्वीर बताती है कि यासीन मलिक आखिर अपनी दहशतगर्दी के लिए जेल क्यों नहीं भेजा जा सका।

पता नहीं क्यों, लेकिन यासीन मलिक की छवि उसकी असल जिंदगी से बिल्कुल अलग बनाई गई। दनादन गोलियां चलाकर लोगों की जान लेने वाले यासीन को कश्मीर में शांति लाने की कोशिश करने वाला बता दिया गया। उसकी छवि इस तरह बदल दी गई कि देश के बड़े उद्योगपतियों में शुमार आनंद महिंद्रा ने एक मीडिया हाउस के प्रोग्राम में यासीन को ‘सेकुलर सेपरेटिस्ट’ यानी पंथनिरपेक्ष अलगाववादी कह दिया। पिछले दिनों इसका ये वीडियो वायरल हुआ था। जिसे आप ऊपर देख सकते हैं और सुन सकते हैं कि आनंद महिंद्रा आखिर इस आतंक के आका के लिए किन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

yasin malik and writer arundhati rai

यासीन मलिक ने बंदूक थामी। दहशत फैलाई और फिर देश के अलग-अलग हिस्सों में अलगाववाद की बात करने और अलगाववादी और नक्सल आंदोलन को समर्थन देने वाले तत्वों के साथ भी करीबी बना ली। नक्सल आंदोलन को समर्थन के बयान देने वाली अरुंधति राय का हाथ पकड़े यासीन की ये तस्वीर इसी का खुलासा करती है। हालांकि, अब उसके दिन पलट गए हैं। यासीन अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है और शायद आनेवाली 19 मई को एनआईए स्पेशल कोर्ट उसे उम्रकैद की सजा भी सुना देगा।