नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिमांड बढ़ाते हुए आज राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 तारीख तक तिहाड़ जेल भेज दिया। केजरीवाल जब से ईडी की हिरासत में हैं उसके बाद से उन्होंने विभिन्न विभागों को दो आदेश जारी किए थे। उनका कहना था कि वो जेल से ही सरकार चलाएंगे। अब जब केजरीवाल तिहाड़ चले गए तो सवाल ये उठता है कि क्या आगे भी केजरीवाल जेल में रहते हुए सरकार चला पाएंगे। इस संबंध में तिहाड़ जेल के पीआरओ सुनील कुमार गुप्ता की अगर मानें तो जेल से सरकार चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। पीआरओ सुनील कुमार गुप्ता ने जेल मैन्यूअल के बारे में पूरी जानकारी दी है। जेल से सरकार चलाने की प्रक्रिया पर तिहाड़ जेल के पूर्व पीआरओ सुनील कुमार गुप्ता कहते हैं कि यह बेहद चुनौतीपूर्ण होगा।
#WATCH | Delhi: On the process of running the government from jail, Former Tihar Jail PRO Sunil Kumar Gupta says, “It would be extremely challenging. There has to be a personal staff with the CM. As of now, there are 16 jails and there is no such facility in any of them where a… pic.twitter.com/lX6oWI4JC2
— ANI (@ANI) April 1, 2024
सीएम के साथ एक निजी स्टाफ होना चाहिए, एक भी जेल में से किसी में भी सुविधा नहीं है, जहां से मुख्यमंत्री पद चलाया जा सकता है। इसके लिए सभी नियमों को तोड़ना पड़ता है। कोई भी इतने सारे नियमों को तोड़ने की इजाजत नहीं देगा। सरकार चलाने का मतलब सिर्फ फाइलों पर हस्ताक्षर करना नहीं है। सरकार चलाने के लिए कैबिनेट की बैठकें बुलाई जाती हैं, मंत्रियों से सलाह ली जाती है और बहुत सारे कर्मचारी होते हैं। एलजी के साथ बैठकें या टेलीफोन पर बातचीत होती है। जेल में टेलीफोन की सुविधा नहीं है। जनता समस्या निवारण के लिए मुख्यमंत्री से मिलने आती है उनकी शिकायतों के बारे में जेल में सीएम कार्यालय बनाना असंभव है। जेल में कैदी हर दिन 5 मिनट के लिए अपने परिवार से बात कर सकते हैं और यह सब रिकॉर्ड किया जाता है। इसलिए ये बहुत ही मश्किल है कि केजरीवाल जेल से सरकार चला सकें।