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Gyanwapi Mosque: ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान दिखा कुछ ऐसा कि चौंक गया वीडियोग्राफर, मीडिया को बताया कि….

Gyanwapi Mosque: विभाष दूबे ने दावा किया है कि मस्जिद की दीवार पर प्रचीन घंटा और लड़िया दिखाई दीं हैं। विभाष ने कहा कि श्रंगार गौरी के नीचे झांकने पर विष्णु जी का फन, काढे नाग और ब्राह्मजी का कमल दिखा है। मस्जिद के दक्षिण ओर स्वास्तिक भी दिखा है। कलाकृतियां साफ नज़र आती हैं, फन काढ़े हुए विष्णु जी का नाग भी दिखा, श्रृंगार गौरी की दीवार पर गढ़े हुए दिखे।

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से सियासी गलियारों में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बहस छिड़ी हुई है। उक्त मसले को लेकर दोनों ही पक्षों की तरफ से वार-प्रतिवार का सिलसिला जारी है। जहां एक तरफ हिंदू पक्ष का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पहले मंदिर था, जहां मुस्लिम आक्रांताओं ने ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण करवा दिया है। इस संदर्भ में बीते दिनों कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वे कराने का निर्देश दिया है। सर्वे के दौरान दोनों ही पक्षों में वैचारिक मतभेद सामने आए थे। कथित तौर पर मुस्लिम पक्षों पर सर्वे का विरोध किए जाने का आरोप है, लेकिन मुस्लिम पक्षों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बहरहाल, आज फिर कोर्ट में सर्वे को लेकर सुनवाई होनी है। अब ऐसी स्थिति में देखना होगा कि कोर्ट की तरफ से उक्त मसले को लेकर क्या कुछ फैसला किया जाता है, लेकिन इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वीडियोग्राफर विभाष दूबे ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने आंखों देखा हाल मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में साझा किया है। आइए, आगे हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

kashi vishwanath mandir yanvapi Masjid Announcement to oppose survey of appealed to DM and Police Commissioner to stop - ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण का विरोध करने का ऐलान, रोकने के लिए डीएम

 

जानिए क्या बोले वीडियोग्राफर विभाष दूबे  

विभाष दूबे ने दावा किया है कि मस्जिद की दीवार पर प्रचीन घंटा और लड़िया दिखाई दीं हैं। विभाष ने कहा कि श्रंगार गौरी के नीचे झांकने पर विष्णु जी का फन, काढे नाग और ब्राह्मजी का कमल दिखा है। मस्जिद के दक्षिण ओर स्वास्तिक भी दिखा है। कलाकृतियां साफ नज़र आती हैं, फन काढ़े हुए विष्णु जी का नाग भी दिखा, श्रृंगार गौरी की दीवार पर गढ़े हुए दिखे। अंत में उन्होंने यह कहते हुए अपनी बातों को विराम दिया कि  मस्जिद में कई ऐसे अवशेष हैं, जो इस बात की तस्दीक करने से गुरेज नहीं करते हैं कि प्राचीन काल में मंदिर था। बहरहाल, विभाष दूबे के दावों ने सियासी गलियारों का सियासी पारा चढ़ा दिया है। लेकिन अभी तक उक्त मसले पर कोई भी राजनीतिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, मगर दूबे के दावों ने उन सभी लोगों के दावों को प्रबल करने का काम किया है, जो उक्त स्थल पर मंदिर होने का दावा कर रहे हैं।

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विभाष दूबे ने आगे कहा कि वीडियोग्राफी के दौरान कुछेक मुस्लिमों के द्वारा विरोध किया गया था, लेकिन  बाद में  कुछ प्रबुद्ध लोगों की  मदद के उपरांत हालातों को दुरूस्त कर लिया गया। हालांकि, इस बीच कुछ मुस्लिम वकीलों ने कहा कि अगर उपरोक्त दावे हकीकत में तब्दील होते हैं, तो फिर वही होगा, जो सही है। बहरहाल, वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सियासी गलियारों में बहस का सिलसिला जारी है। अब ऐसी स्थिति में आगे चलकर यह पूरा माजरा क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। ध्यान रहे कि आज यानी की बुधवार को इस मसले को लेकर कोर्ट में सुनवाई  होनी है।