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क्रिकेट घोटाला केस में फारूक अब्दुल्ला पर आई आफत, ED ने जब्त की 12 करोड़ की संपत्ति

Farooq Abdullah: जांच एजेंसी ईडी(ED) ने दावा किया है कि उसकी जांच से यह पता चला कि 2005-06 से दिसंबर 2011 के दौरान, JKCA को BCCI से 109.78 करोड़ रुपये की राशि हासिल हुई।

नई दिल्ली। शनिवार को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संपत्ति सीज कर दी है। जेके क्रिकेट एसोसिएशन के फंड घोटाले में ईडी की तरफ से फारूक अब्दुल्ला से संबंधित 3 घर, 2 प्लॉट और 1 कॉमर्शियल प्रॉपर्टी अटैच की गई है। वहीं जब्त की संपत्ति की कीमत बाजार में करीब 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से जेके क्रिकेट एसोसिएशन के फंड घोटाले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की जो संपत्ति सीज की गई है, उसमें एक प्रॉपर्टी श्रीनगर के गुपकार रोड पर स्थित है। वहीं तनमार्ग के कटीपोरा तहसील और जम्मू के भाटिंडी में एक-एक प्रॉपर्टी को ईडी ने सीज किया है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने इसके अलावा श्रीनगर के रेजीडेंसी रोड क्षेत्र में एक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी भी जब्त की है। इनकी कुल कीमत 11.86 करोड़ रुपये की बताई जा रही है।

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फारूक अब्दुल्ला पर हुई इस कार्रवाई को लेकर ईडी ने जानकारी दी है कि फारूक अब्दुल्ला की कुल छह संपत्तियों को जांच एजेंसी ने अटैच किया है जिसमें एक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी, दो भूखंड और 3 आवासीय घर शामिल हैं। यह कार्रवाई जेके क्रिकेट घोटाले से संबंध में की गई है।

वहीं इस कार्रवाई पर अपना नाराजगी जाहिर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, जिन संपत्तियों को ईडी ने जब्त किया है उसमें से ज्यादातर 1970 के दशक से ही पैतृक संपत्ति है और इनमें से सबसे नई संपत्ति का निर्माण 2003 में हुआ। ऐसे में ईडी द्वारा इस तरह की जब्ती का कोई मामला नहीं बनता, क्योंकि वे जांच के दौरान “अपराध” की कार्रवाई को साबित करने में नाकाम रहे हैं।

बता दें कि जांच एजेंसी ईडी ने दावा किया है कि उसकी जांच से यह पता चला कि 2005-06 से दिसंबर 2011 के दौरान, JKCA को BCCI से 109.78 करोड़ रुपये की राशि हासिल हुई। ईडी का आरोप है कि जब डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला, 2006 से जनवरी 2012 के बीच जेकेसीए के अध्यक्ष थे। ऐसे में इस समय के दौरान उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और जेकेसीए में पदाधिकारियों की अवैध नियुक्तियां कीं। जिसकी वजह से उन्हें जेकेसीए फंड की लॉन्ड्रिंग के उद्देश्य से वित्तीय अधिकार मिले थे। जांच से यह भी पता चला कि फारूक अब्दुल्ला जेकेसीए के फंड के लाभार्थी भी थे।

हेराफेरी के मामले में ईडी इससे पहले भी 6 घंटे तक फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ कर चुकी थी। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित 113 करोड़ रुपये की धांधली का मामला बहुत पुराना है।ऐसे आरोप हैं कि इसमें से करीब 43.69 करोड़ रुपये का गबन किया गया और इस पैसे को खिलाड़ियों पर भी खर्च नहीं किया गया।