newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Book Launch: देश के महापुरुषों की विचारधारा को युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास है ‘भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका’

Book Launch: भारत के महापुरुषों ने देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में अपने ज्ञान, साहस, संयम, वीरता और धीरता का ध्वज लहराया है। राष्ट्र-निर्माण में भारतीय मनीषियों द्वारा समाज को दिया गया विचार-दर्शन उसकी चिरस्थायी संपत्ति है। उनके विचारों को समाज के हित में जीवित रखना हमारा परम कर्तव्य है।

नई दिल्ली: ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में शनिवार को नई दिल्ली में भारतीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (पेफ़ी) युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से डॉक्टर सरवन सिंह बघेल की पुस्तक “भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका” का विमोचन किया। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर, प्रभात प्रकाशन के कार्यकारी निदेशक प्रभात कुमार, पंजाब स्पोर्ट विश्वविद्यालय के कुलपति ले. ज. डा. जे.एस. चीमा, पेफ़ी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. ए.के. उप्पल और पेफ़ी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पीयूष जैन के द्वारा पुस्तक का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजन में राष्ट्रीय स्तर की कई महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थाओं ने योगदान दिया। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए सैकड़ों लोगं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

‘भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका’ यह किताब अपने नाम से ही अपनी सार्थकता प्रकट करती हैं। यह भारत के मनीषियों के विचारों को गागर में सागर समाने के जैसा है। वक्ताओं ने अपने अपने हिसाब से पुस्तक की विवेचनात्मक टिप्पणी सभी के सामने रखी। उसकी संक्षेप विवेचना से पुस्तक के सार को समझने का प्रयास किया जा सकता हैं। इस किताब में 25 भारतीय विभूतियों के विचारों के संग्रहित करके संक्षिप्त लेख में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया हैं।

गौरतलब है कि, भारत के महापुरुषों ने देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में अपने ज्ञान, साहस, संयम, वीरता और धीरता का ध्वज लहराया है। राष्ट्र-निर्माण में भारतीय मनीषियों द्वारा समाज को दिया गया विचार-दर्शन उसकी चिरस्थायी संपत्ति है। उनके विचारों को समाज के हित में जीवित रखना हमारा परम कर्तव्य है। इस किताब में स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, गोपाल कृष्ण गोखले, लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, श्रीगुरुजी गोलवलकर, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, बिरसा मुंडा, रानी  गाइदिन्ल्यू जैसी विभूतियों ने अपना सर्वस्व राष्ट्र के लिए न्योछावर कर भारत के सर्वोत्कर्ष के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया। उन्हीं के पुण्य-प्रताप से भारत का सामाजिक-सांस्कृतिक पुनरुत्थान और नवोत्थान हुआ। भारत के इन्हीं महापुरुषों के सामाजिक और राजनीतिक विचारों को इस पुस्तक में प्रकाशित किया गया है। अत्यंत प्रेरणाप्रद पुस्तक, जो हर भारतीय को अपने स्वर्णिम अतीत का गौरवबोध कराएगी और उनमें राष्ट्रीय भाव जाग्रत करेगी। यह पुस्तक भारत के हर क्षेत्र, समाज और भाषा के संबध रखने वाले महापुरुषों के विचार का समागम है।