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EC’s Crackdown : दागी प्रत्याशियों पर चुनाव आयोग की नकेल, अब अखबार में तीन बार देनी होगी आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी

EC’s Crackdown : अगर कोई पार्टी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को टिकट देती है तो उसे भी इसका कारण स्‍पष्‍ट करना होगा कि उसने साफ सुथरी छवि वाले व्‍यक्ति के बजाए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया है।

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को देश भर में लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी है और इसी के साथ देशभर में आचार संहिता भी प्रभावशील हो गई है। इस चुनाव में आयोग ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों पर नकेल कसने का काम किया है। चुनाव आयोग ने साफ किया कि दागी उम्मीदवारों को तीन बार अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी अखबार में देनी होगी। इस नियम ने कई बाहुबली और दागी उम्मीदवारों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। अब अगर किसी उम्‍मीदवार पर कोई आपराधिक केस दर्ज है तो इसकी जानकारी उन्हें अखबारों और टीवी में तीन बार देना होगी। इसके साथ ही अगर कोई पार्टी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को टिकट देती है तो उसे भी इसका कारण स्‍पष्‍ट करना होगा कि उसने साफ सुथरी छवि वाले व्‍यक्ति के बजाए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया है।

गौरतलब है कि कई ऐसे बाहुबली उम्मीदवार हैं, जो जेल में रहते हुए चुनाव लड़ते हैं और जीत भी हासिल कर लेते हैं। अब चुनाव आयोग के आदेशानुसार इन उम्मीदवारों को 3 बार अखबार में अपने आपराधिक रिकॉर्ड का पूरी जानकारी देनी होगी। चुनाव आयोग के अनुसार जनता के पास अपने प्रतिनिधि को जानने का पूरा अधिकार है। इस वजह से अगर कोई ऐसा व्यक्ति चुनाव लड़ता है, जिसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, उसे अपने ऊपर लगे आरोप की पूरी जानकारी देनी होगी। इस स्थिति में मतदाताओं को उम्मीदवार के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी और जनता स्पष्ट रूप से ये फैसला कर सकेगी कि उसे आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति को चुनना है या नहीं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राजनीतिक पार्टियों को सलाह दी कि वह चुनाव आचार संहिता का पालन करें। राजनीतिक पार्टियां इलेक्शन कोड ऑफ कंडक्ट की रेड लाइन पार नहीं करें। अगर ऐसा किया गया तो चुनाव आयोग इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।