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Surgical Strike: उरी हमले के शहीदों की चिता शांत होने से पहले ही भारत ने पाकिस्तानी आतंकियों को दिया था करारा जवाब, जानें सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी कहानी

Surgical Strike: सर्जिकल स्ट्राइक 8 सितंबर 2016 को हुए उरी हमले का बदला था जिसमें हमारे देश के 19 भारतीय जवानों की मौत हुई थी। इस हमले का बदला लेने के लिए हमारी सरकार और देश के जवानों ने मिलकर आतंकियों के ठिकानों को उड़ा दिया।

नई दिल्ली। आज सर्जिकल स्ट्राइक को 6 साल पूरे हो चुके हैं। ये वही दिन था जब हमारे देश के वीर जवानों ने 18 सितंबर 2016 को हुए उरी हमले का बदला पाकिस्तानी आतंकियों से लिया था। बदला भी ऐसा कि उनकी सरहद, ठिकानों में घुस कर दुश्मनों को मौत के घाट उतार दिया। सर्जिकल स्ट्राइक हमारे देशवासियों के लिए गर्व का पल रहा है।जब भी सर्जिकल स्ट्राइक की बात होती है तो सीना खुशी से फूल जाता है लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक की राह इतनी भी आसान नहीं थी जितना सुनने में लगती है। उस दिन और रात क्या-क्या हुआ,आज उसके बारे में हम आपको बताते हैं।

उरी हमले का बदला था सर्जिकल स्ट्राइक

सर्जिकल स्ट्राइक 8 सितंबर 2016 को हुए उरी हमले का बदला था जिसमें हमारे देश के 19 भारतीय जवानों की मौत हुई थी। इस हमले का बदला लेने के लिए हमारी सरकार और देश के जवानों ने मिलकर आतंकियों के ठिकानों को उड़ा दिया। इस मिशन पर डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग,देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह हुड्डा रक्षा मंत्री स्व मनोहर पर्रिकर पल-पल की अपडेट ले रहे थे।सभी को उम्मीद थी कि सभी जवान सही सलामत वापस लौट आएंगे। उरी हमले के बाद भारत सरकार ने सोच लिया था कि इस हमले का आतंकियों को करारा जवाब तो देना ही होगा।

अचानक बढ़ा दी गई सुरक्षा

उरी हमले के बाद जीपीएस सेट से पता चला कि आतंकी पाकिस्तान से हैं। ये भी पता चला था कि इस हमले के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ था। जिसके बाद उस वक्त के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के हाई कमिश्नर के सामने उरी हमले में पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत दिए लेकिन पाकिस्तान था जो लगातार इनकार कर रहा था। जिसके बाद इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई और सर्जिकल स्ट्राइक की रूपरेखा तैयार की गई। इसमें डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग का अहम रोल था। सबसे पहले सीमा पर तैनाती बढ़ा दी गई। सैन्य क्षमता को भी बढ़ाया गया साथ ही रडार सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया। जम्मू कश्मीर और संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई। इसके अलावा AWCA यानी एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट को तैनात कर दिया गया। पाकिस्तान इस बात से अंजान था कि हमला आसमान से नहीं बल्कि जमीन से होने वाला था।

पाकिस्तान को दिया चकमा

स्ट्राइक के लिए पैरा एसएफ (Para SF) कमांडो को तैयार किया गया। ये भारतीय सेना की सबसे घातक टुकड़ी थी। जिसके बाद 29 सितंबर को मीडिया में सर्जिकल स्ट्राइक मानो छा गया। भारत के जवान ये कसम लेकर गए थे कि सभी दुश्मनों का सफाया करके ही वापस लौंटेंगे। इसके बाद जो हुआ वो हम सबके सामने था। पूरी दुनिया में भारत की तारीफ की गई।