नई दिल्ली। दिल्ली के हंसराज कॉलेज में आयोजित विकसित भारत 2047 कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, भारत की छवि मित्रतापूर्ण लेकिन निष्पक्ष है। अगर आप आतंकवाद जैसी चुनौती को देखें, तो दुनिया मानती है कि आज का भारत आतंकवाद से बहुत अलग तरीके से निपटता है। इसकी तुलना बहुत सरल है, मुंबई हमलों के बाद क्या हुआ और उरी तथा बालाकोट हमले के बाद में क्या हुआ। विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले, हम पर रूस से तेल न खरीदने का अंतरराष्ट्रीय दबाव था। भारत ने कहा कि हमारे हितों के लिए यह आवश्यक है कि हम तेल खरीदें और हमने इसे छिपाया नहीं। इसके बारे में हम बहुत खुलकर और ईमानदारी के साथ बहुत ही साहसी तरीके से निर्णय लिया। आज विश्व में भावना यह है कि भारत एक दृढ़ देश है लेकिन यह एक निष्पक्ष देश भी है।
#WATCH | Delhi: At the Viksit Bharat 2047 program at Hansraj College, EAM Dr S Jaishankar says, “The image of India is of friendly but fair… If you look at a challenge like terrorism, the world recognizes that today’s India deals with terrorism very differently from how it used… pic.twitter.com/XGgtDSeQdo
— ANI (@ANI) May 7, 2024
वहीं भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, आज भारत कितना डिजिटल हो गया है। आज आप में से कितने लोग नकदी का उपयोग करते हैं? आप में से कितने लोग अपने फोन-आधारित कैशलेस भुगतान का उपयोग करते हैं? उन्होंने कहा कि भारत में, हम प्रति माह 10-11 बिलियन कैशलेस लेनदेन करते हैं। अमेरिका एक वर्ष में 4 बिलियन कैशलेश लेन देने करता है। चीन एक वर्ष में अधिकतम 20 बिलियन डिजिटल ट्रांजेक्शन करता है। आज लोग हर चीज के लिए डिजिटल माध्यम से पेमेंट कर रहे हैं चाहे वो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, पासपोर्ट की फीस जमा करनी हो या कुछ और सभी जगह डिजिटल माध्यम से लेन देन के कारण भ्रष्टाचार बहुत हद तक कम हो गया है क्योंकि अब सब कुछ डिजिटल रूप से रिकॉर्ड किया जाता है, इससे पारदर्शिता के साथ ईमानदारी भी आती है।
#WATCH | Delhi: At the Viksit Bharat 2047 program at Hansraj College, EAM Dr S Jaishankar says, “Today if you look at the range, how digitized India has become. How many of you today anymore use cash? How many of you use your phone-based cashless payments? We think it is normal,… pic.twitter.com/VtwQ2p654x
— ANI (@ANI) May 7, 2024
इससे पहले विदेश मंत्री ने किरोड़ीमल कॉलेज में दक्षिण पूर्व एशिया और जापान के साथ पूर्वोत्तर भारत के एकीकरण पर एक इंटरैक्टिव सेशन के दौरान कहा था कि यदि आप पिछले दशक को देखें, तो पूर्वोत्तर भारत वास्तव में भारत-बांग्लादेश संबंधों में इस नाटकीय सुधार का एक बड़ा लाभार्थी रहा है, जब हमने 2015 में भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौता किया था, तब चीजें व्यवस्थित होने के बाद दोनों देशों में विश्वास का एक नया स्तर देखने को मिला।