नई दिल्ली। महाराष्ट्र में इस वक्त सरकार महाविकास अघाड़ी की है, पिछले कई दिनों से शिवेसना और कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच खबरें भाजपा और शिवसेना की उठने लगी है। बता दें, समय-समय पर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर खबरें सामने आती रहती है, तो वहीं अब एक बार फिर इस मुद्दे को हवा मिल गई है। बता दें, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ सकता है। दरअसल जब मीडिया द्वारा फडणवीस से सवाल पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी और शिवसेना हाथ मिला सकते हैं या फिर उनके बीच कोई गठबंधन की उम्मीद है तो इस सवाल का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि वो शिवसेना के दुश्मन नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘राजनीति में किंतु-परंतु के लिए कोई जगह नहीं होती। हमारे शिवसेना से मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वो हमारी दुश्मन नहीं है।’ वहीं अब फडणवीस के इस बयान के सामने आने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद जो दूरियां दोनों पार्टियों के बीच बन गई थी वो अब भरने लगी है।
There are no ifs and buts in politics. There might be some differences with Shiv Sena but we are not enemies: Former Maharashtra CM & LoP Devendra Fadnavis on being asked about possibilities of BJP allying with Shiv Sena, in Mumbai pic.twitter.com/0j5x2D7mra
— ANI (@ANI) July 4, 2021
चर्चा में रहती है दोनों के बीच गठबंधन की खबरें
बता दें, फडणवीस से पहले शिवसेना के कुछ नेता भी दबी जुबान में बीजेपी से गठबंधन को लेकर इशारा कर चुके हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ समय पहले भी शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात के बाद जब शिवसेना सांसद संजय राउत ने पीएम मोदी की तारीफ की थी और बीजेपी की सफलता का क्रेडिट भी उन्हें दिया था तो ऐसा माना जा रहा था कि शिवसेना भाजपा के साथ मतभेदों को कम करना चाहती है और अब फडणवीस का ये कहना कि शिवसेना उनकी दुश्मन नहीं, कई तरह के राजनीतिक संदेश दे रहा है।
ऐसे में अगर दोनों पार्टियां एक साथ आती है तो ये महा विकास अघाड़ी के लिए नई चुनौती बन सकती है। बता दें, बीते कुछ समय से एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं। पवार लगातार दूसरे दल के नेताओं संग अहम बैठकें कर रहे हैं। वहीं बात अगर कांग्रेस की करें तो कांग्रेस पार्टी भी महाराष्ट्र में अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति में कब क्या हो जाए, ये बता पाना मुश्किल साबित हो रहा है।