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Russia Ukraine War: रूस से युद्ध के बीच यूक्रेन ने PM मोदी को बताया बड़ा नेता, महाभारत-चाणक्य का जिक्र कर कही ये बात…

Russia Ukraine War: पोलिखा ने कहा कि भारत और रूस के संबंध अच्छे हैं। भारत यूक्रेन-रूस विवाद को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इगोर पोलिखा ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश करते हैं कि वह तत्काल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और हमारे राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से संपर्क करें।

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच लंबे वक्त से बना तनाव का माहौल आखिरकार गुरुवार को युद्ध में तब्दील हो गया है। यूक्रेन-रूस में तनाव के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सैन्य कार्रवाई का आदेश दे दिया है। वहीं युद्ध के बाद अब यूक्रेन में सभी लोग घबराये हुए हैं। राष्ट्रपति कार्यालय के सलाहकार ने दावा किया है कि यूक्रेन के 40 जवानों ने जान गंवाई है। वहीं रूस से घमासान के बीच यूक्रेन ने अब भारत से मदद की गुहार लगाई है। यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा (Igor Polikha) ने मीडिया को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से हस्तक्षेप करने की अपील की है। लेकिन ऐसे में सवाल है कि क्या भारत रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध पर हस्ताक्षेप करेगा? क्योंकि भारत के लिए दोनों ही देश महत्वपूर्ण है। भारत के संबंध दोनों देशों के साथ अच्छे है। हालांकि भारत कई बार दोनों से शांति बनाए रखने की अपील कर चुका है।

ukraine and Modi

पोलिखा ने कहा कि भारत और रूस के संबंध अच्छे हैं। भारत यूक्रेन-रूस विवाद को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इगोर पोलिखा ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश करते हैं कि वह तत्काल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और हमारे राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से संपर्क करें। उन्होंने आगे कि रूस दावा कर रहा है कि सिर्फ सैन्य ठिकानों पर हमले हो रहे हैं, लेकिन हमले में आम नागरिक भी मारे गए हैं।

इस दौरान राजदूत इगोर पोलिखा ने महाभारत और चाणक्य का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ”भारत की तरह यूक्रेन भी एक लोकतांत्रिक देश है। मैं भारत में एम्बेस्डर हूं। यूक्रेन के लिए भारत स्पेशल है। भारत की चाहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्य बनने की है। भारत दुनिया में एक प्रभावशाली देश की हैसियत रखता है। मैंने आपका इतिहास पढ़ा है। यहां चाणक्य 2400 साल पहले हुए। जब यूरोप में कोई सभ्यता नहीं थी, यहां भारत में विद्वान हुए।”