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Punjab: वादाखिलाफी पर पंजाब की भगवंत मान सरकार से भड़के किसान, रेल पटरी पर दे रहे धरना

पार्टी के चीफ और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सरकार बनते ही किसानों की दिक्कतों को दूर किया जाएगा और एक भी किसान को खुदकुशी नहीं करने दी जाएगी, लेकिन अब तक 20 से ज्यादा किसान अपनी जान दे चुके हैं। वहीं, पिछले दिनों किसानों के जत्थे ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को मनवाने के लिए चंडीगढ़ की तरफ मार्च भी किया था।

अमृतसर। पंजाब में किसान एक बार फिर छले जाने का दर्द लेकर सीएम भगवंत मान की सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने पर मजबूर हो गए हैं। शुक्रवार से किसान अमृतसर जिले के बाबा बकाला साहिब इलाके में रेल पटरियों पर जम गए। किसान इस बार गन्ने की फसल की कीमत न मिलने से नाराज हैं। किसानों के रेलवे ट्रैक पर कब्जा करने की वजह से तमाम ट्रेनों का रूट बदलना पड़ा है। खबर लिखे जाने तक किसान माने नहीं थे और भगवंत मान की आम आदमी पार्टी AAP सरकार के अफसर उनको मनाने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों ने इससे पहले भी मान सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था।

farmers agitation file

रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे किसानों का आरोप है कि पंजाब सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। उनका आरोप है कि पहले भी गन्ना मूल्य को लेकर उन्होंने ब्यास स्टेशन पर धरना दिया था। उस वक्त सरकार ने वादा किया था कि गन्ना मूल्य 45 दिन में चुका दिया जाएगा। अब दो महीने बीत चुके हैं और राणा चीनी मिल ने किसानों का बकाया चुकता नहीं किया है। किसान आंदोलन की वजह से रेलवे ने अमृतसर और दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेनों को बाबा बकाला साहिब की जगह तरनतारन से चलाना शुरू किया है। शुक्रवार शाम तक 9 ट्रेनों को इस रूट से चलाया गया। रेलवे सूत्रों के मुताबिक आंदोलन लंबा चलने पर कई ट्रेनों को रद्द भी करना पड़ सकता है।

kejriwal and bhagwant mann

बता दें कि तमाम वादे करके पंजाब में चुनाव जीतने वाली आम आदमी पार्टी इन्हें पूरा नहीं कर पा रही है। पार्टी के चीफ और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सरकार बनते ही किसानों की दिक्कतों को दूर किया जाएगा और एक भी किसान को खुदकुशी नहीं करने दी जाएगी, लेकिन अब तक 20 से ज्यादा किसान अपनी जान दे चुके हैं। वहीं, पिछले दिनों किसानों के जत्थे ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को मनवाने के लिए चंडीगढ़ की तरफ मार्च भी किया था। बाद में किसान नेताओं के साथ बातचीत में सीएम भगवंत ने उनकी मांगों में से ज्यादातर को मानते हुए कदम उठाने की बात कही थी।