नई दिल्ली। अभी कुछ समय पहले ही देश (भारत) की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर उन पर हमला किया गया था। सीएम केजरीवाल ने एक कविता सुनाते हुए भी पीएम मोदी को कम पढ़ा लिखा बताया था। अब सीएम केजरीवाल के सुर से सुर मिलाते हुए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने भी पीएम मोदी पर हमला बोला है। शराब घोटाले के आरोप में जेल में बंद आप नेता मनीष सिसोदिया ने देश के नाम एक चिट्ठी लिख पीएम मोदी की कम शिक्षा से देश को क्या नुकसान हो रहा है ये बताया है। चलिए आपको बताते हैं क्या लिखा है ऐसे सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में…
आप नेता मनीष सिसोदिया ने जो चिट्ठी लिखी है उसमें पीएम मोदी को कम पढ़ा लिखा बताते हुए कहा कि उनके कम शिक्षित होना देश के लिए बेहद खतरनाक है। पीएम जिस तरह की बात करते हैं उसकी वजह से वो लोगों के बीच हंसी का पात्र बन जाते हैं। सिसोदिया ने चिट्ठी में लिखा है कि पीएम मोदी विज्ञान की बातें नहीं समझते और न ही उनकी नजरों में शिक्षा का कोई महत्व है। वो नाली के गंदे पानी से गैस बनाने की बात करते हैं। उनके इस तरह के बयानों की वजह से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे उनका मजाक उड़ाते हैं।
भारत की तरक्की के लिए PM का पढ़ा लिखा होना जरूरी- सिसोदिया
अपनी चिट्ठी में आगे सिसोदिया ने लिखा है कि पीएम मोदी जो बयान देते हैं उससे देश को कई नुकसान हो सकते हैं। पीएम के इन बयानों से दुनिया को पता चलता है कि वो कितने कम शिक्षित हैं और विज्ञान-बुनियादी चीजों की जानकारी नहीं रखते। दूसरे देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष हमारे पीएम के गले लगते हैं और काफी फायदा उठाकर चले जाते हैं क्योंकि वो गले मिलते-मिलते कितने ही कागजों में बिना सोचे समझे साइन कर देते हैं। पीएम को ज्ञान नहीं होता कि वो किन चीजों पर साइन कर रहे हैं ये उनके कम पढ़े लिखे होने की वजह से है।
Jailed former Delhi deputy CM Manish Sisodia writes to PM Modi, raises questions on his education.
“For the progress of India, it is necessary to have an educated PM,” Sisodia writes in his letter to the PM. pic.twitter.com/yV7peRjns3
— ANI (@ANI) April 7, 2023
जेल से लिखे गए इस लेटर में मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में स्कूलों को बंद करवाने के नुकसान भी गिनाए। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा, आज देश की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में स्कूलों का होना भी जरूरी है। शिक्षा काफी जरूरी है। हमारे युवा शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। विज्ञान-टेक्नोलॉजी में कुछ करना चाहते हैं लेकिन बीते कुछ सालों में 60 हजार के करीब स्कूल बंद करा दिए गए। अगर सरकारी स्कूलों में स्थिति बेहतर होती जैसे आज दिल्ली के स्कूलों की हो चुकी है तो आज प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढ़ते लेकिन उनका स्कूलों को बंद करवाना ये दिखाता है कि उनकी नजरों में शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। आगे सिसोदिया ने लोगों से सवाल किया कि क्या देश के मैनेजर (प्रधानमंत्री) का पढ़ा लिखा होना जरूर है या नहीं?