Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी मामले में आज वाराणसी के जिला जज करेंगे पहली सुनवाई, मुस्लिम पक्ष की इस आपत्ति को कर चुके हैं खारिज

पिछले दिनों जिला जज ने इस मामले में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया था। मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत हिंदू पक्ष की अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकती। जिला जज ने अपने फैसले में कहा था कि ये मामला प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट के तहत नहीं आता।

Avatar Written by: September 22, 2022 9:13 am
varanasi district judge ajay krishna vishvesha

ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई करने वाले वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश

वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद और शृंगार गौरी केस में आज जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के कोर्ट में पहली सुनवाई होगी। 5 महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित शृंगार गौरी और अन्य देवी देवताओं की पूजा के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। पिछले दिनों जिला जज ने इस मामले में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया था। मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत हिंदू पक्ष की अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकती। जिला जज ने अपने फैसले में कहा था कि ये मामला प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट के तहत नहीं आता। इसकी वजह उन्होंने ये बताई थी कि वादी पक्ष ने धार्मिक स्थल यानी मस्जिद का स्वरूप बदलने की नहीं, बल्कि वहां पूजा करने की मंजूरी मांगी है।

shivling gyanvapi masjid

इससे पहले ये मामला वाराणसी में ही सिविल जज सीनियर डिवीजन रहे रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में चला था। जज दिवाकर ने इस मामले में मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश दिया था। दो कोर्ट कमिश्नर ने इस सर्वे के तहत ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई थी। इस दौरान कई जगह ओम् का चिन्ह, दीवारों और ताखों पर मूर्तियां वगैरा दिखी थीं। मस्जिद के गुंबद के भीतर भी त्रिकोणीय प्राचीन गुंबद मिले थे। वजूखाने में शिवलिंग जैसी आकृति भी मिली थी।

supreme court

इस सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वहां जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने वजूखाने में हाथ-पैर धोने पर रोक लगाने के सीनियर डिवीजन सिविल जज के आदेश को बरकरार रखा था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने वजूखाने के चारों तरफ सुरक्षा घेरा भी बनाने के लिए कहा था। इसके बाद उन्होंने मामले की मेंटेनेबिलिटी यानी पोषणीयता को जांचने का जिम्मा वाराणसी के जिला जज को दिया था। जिला जज ने लंबी सुनवाई और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हिंदू पक्ष की अर्जी को सुनवाई के लिए पोषणीय करार दिया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि वो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।

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