
नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा भारत सरकार पर लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख हो चुके हैं। हालांकि, भारत सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज कर चुकी है, जिससे चिढ़े कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया, जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडाई उच्यायुक्त को निष्कासित कर दिया। इतना ही नहीं, कनाडा के उच्चायुक्त के पास भारत में पांच दिनों तक ही रहने का समय है। वहीं, भारत सरकार की इस कार्रवाई के बाद ट्रूडो ने अपने बयान में कहा कि हम भारत को उकसाना नहीं चाहते हैं। हमने सिर्फ अपनी बात रखी है। फिलहाल, कूटनीतिक मोर्चे पर दोनों देशों के बीच रिश्तों में जारी कड़वाहट को कम करने की कोशिश की जा रही है।
वहीं, भारत सरकार ने कनाडा में रह रहे नागरिकों के लिए दिशानिर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि “कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से क्षमा किए जाने वाले घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए, वहां मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और यात्रा पर विचार करने वाले लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया जाता है। हाल ही में, खतरों ने विशेष रूप से भारतीय राजनयिकों और भारतीय समुदाय के वर्गों को लक्षित किया है जो भारत विरोधी एजेंडे का विरोध करते हैं। इसलिए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे कनाडा के उन क्षेत्रों और संभावित स्थानों की यात्रा करने से बचें जहां ऐसी घटनाएं देखी गई हैं”।
Advisory for Indian Nationals and Indian Students in Canada:https://t.co/zboZDH83iw pic.twitter.com/7YjzKbZBIK
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) September 20, 2023
बता दें कि बीते 18 जून को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की सरे स्थित गुरुद्वारे के पास दो बंदूकधारी बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं, इस हत्या के तीन महीने बाद ट्रू़हो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में अपने भाषण में निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी ने देश किसी की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया है। हालांकि, आतंकवाद के मसले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते में तनाव रहे हैं, लेकिन आज तक किसी भी देश ने भारत पर किसी हत्य़ा में शामिल होने के आरोप नहीं लगाए थे। फिलहाल, ट्रूडो के इस आरोप के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते में कड़वाहट बढ़ गया है। ऐसे में आगामी दिनों में इस पूरे मसले में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।