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सोमवार से तेवर में दिखेगी मोदी सरकार, हंगामेबाज विपक्ष को पटखनी देने की तैयारी पूरी

मोदी सरकार ने इस सत्र में अध्यादेश से जुड़े छह बिल पास कराने के बारे में सोचा था, लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से अब तक आवश्यक रक्षा सेवा बिल ही दोनों सदनों में पास हो सका है। जबकि, लोकसभा में दिवाला-दिवालियापन संहिता संशोधन विधेयक को मंजूरी मिली है।

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रहे विपक्ष को पटखनी देने की मोदी सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। विपक्ष के हंगामे की वजह से सरकार के तमाम बिल लटके हुए हैं। इन्हें अब हर हाल में पास कराने के लिए सरकार ने योजना तैयार की है। संसद के मॉनसून सत्र में अब बस 10 दिन ही बैठक चल सकती है। 13 अगस्त तक संसद का सत्र चलेगा। 19 जुलाई से शुरू हुए सत्र में अभी तक विपक्ष ने पेगासस स्पाईवेयर और किसानों के मसले पर हंगामा ही बरपा रखा है। हर दिन कुछ देर के लिए ही सदन चल सके। एक भी दिन शून्यकाल तक नहीं हो सका है।

मोदी सरकार ने इस सत्र में अध्यादेश से जुड़े छह बिल पास कराने के बारे में सोचा था, लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से अब तक आवश्यक रक्षा सेवा बिल ही दोनों सदनों में पास हो सका है। जबकि, लोकसभा में दिवाला-दिवालियापन संहिता संशोधन विधेयक को मंजूरी मिली है। इसे भी राज्यसभा से पास कराना होगा। इसके अलावा चार और अध्यादेश वाले बिल भी सरकार पास कराना चाहती है।

Narendra Modi

बताया जा रहा है कि सोमवार को सरकार की ओर से विपक्ष के नेताओं से इस बारे में बात की जाएगी और उन्हें बिल पास कराने के लिए मनाने की कोशिश होगी। विपक्ष अगर नहीं मानता, तो सरकार की रणनीति अब हंगामे के बीच ही लोकसभा और राज्यसभा को चलाने और बिल पास कराने की है। सरकार अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर हंगामे के बीच ही सारे अध्यादेश वाले बिल दोनों सदनों से पास कराएगी।

मोदी सरकार ने शुक्रवार को अध्यादेश वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास वायु गुणवत्ता प्रबंध के लिए आयोग बनाने का बिल संसद में पेश किया है। इस बिल का किसान संगठन और विपक्ष विरोध कर रहा है। इस बिल के पास होकर कानून बनने से एनसीआर में पराली जलाने पर रोक लग जाएगी। इस कानून में पराली जलाने पर बड़ा जुर्माना और सख्त सजा का प्रावधान है।