नई दिल्ली। भारत में अमेरिका ने एरिक गारसेटी को नया राजदूत नियुक्त किया है। जल्दी ही एरिक गारसेटी अपना पदभार संभालने वाले हैं। एरिक गारसेटी को राष्ट्रपति जो बाइडेन का काफी करीबी माना जाता है। खास बात ये है कि गारसेटी ने सीएए कानून के विरोध में भी आवाज उठाई थी। अब जबकि गारसेटी भारत आने वाले हैं, तो इसे लेकर सोशल मीडिया में चिंताएं जताई जा रही हैं। वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कहना है कि गारसेटी को वो सीएए वाले मामले में समझा लेंगे। टीवी टुडे ग्रुप के कार्यक्रम में शनिवार को जयशंकर ने गारसेटी और सीएए के मसले पर ये बात कही है।
जयशंकर ने सीएए के विरोध में गारसेटी के बयान पर सवाल के जवाब में कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में नागरिकता के लिए अलग मानदंड हैं। उन्होंने कहा कि यूरोप में जर्मनी के लोगों को आसानी से नागरिकता मिल जाती है। अगर पाकिस्तान में किसी हिंदू का उत्पीड़न हो रहा है, तो वो भारत की जगह और कहां जाएगा। एरिक गारसेटी को सीएए के बारे में कैसे समझाएंगे। इस पर जयशंकर ने मुस्कुराते हुए कहा कि उनको आने दीजिए, हम प्यार से समझा देंगे। जयशंकर ने कहा कि हम वैश्विक और गतिशील हो रहे हैं। इस दशक के अंत तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर देश बनने जा रहा है।
एरिक गारसेटी के बारे में अब आपको बताते हैं। एरिक गारसेटी जो बाइडेन के करीबी होने के साथ ही उनकी तमाम नीतियों को लागू कराने में अहम भूमिका अदा करते रहे हैं। एरिक गारसेटी पहले लॉस एंजेल्स के मेयर भी रह चुके हैं। उन्होंने 2021 में अमेरिकी संसद के सीनेट में कहा था कि अगर वो भारत में अमेरिका के राजदूत बने, तो सीएए के संबंध में मानवाधिकारों का मुद्दा उठाएंगे। इसी बयान की वजह से एरिक गारसेटी को भारत में अमेरिकी राजदूत नियुक्त किए जाने के खिलाफ सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी राय रख रहे थे।