
नई दिल्ली। वजूद की जंग से जूझ रही देश की सर्वाधिक पुरानी पार्टी कांग्रेस विपक्षी एकता की नौका पर सवार होकर आगामी 2024 की चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है, लेकिन विपक्षी दलों के मौजूदा रुख को देखकर ऐसा लगता नहीं है कि कांग्रेस की यह चाहत पूरी होगी, चूंकि एक-एक करके सभी दल कांग्रेस की विपक्षी एकता की कोशिशों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं, जिसमें सबसे पहले अगर किसी का नाम सामने आता है, तो वो हैं ममता दीदी। इसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और इसके बाद देश की राजनीति को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव। लेकिन, अब इस फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ा गया है।
जी हां…आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री व जद(एस) प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने कांग्रेस द्वारा की जा रही विपक्षी एकता की कोशिश पर पानी फेर दिया है। दरअसल, देवेगौड़ा ने कांग्रेस को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि पहले आप लोग अपना घर दुरूस्त कीजिएगा। इसके बाद विपक्षी दलों की ओर देखिए। उन्होंने आगे कहा कि, ‘मैं यह बात कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी कहना चाहूंगा, जो कि वर्तमान में विपक्षी एकता को नई रफ्तार देने की दिशा में जुट चुके हैं’। देवेगौड़ा ने आगे कहा कि कांग्रेस को पहले अपना घर ठीक करने की दिशा में ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश की विपक्षी पार्टियों के पास कई विकल्प हैं और हमारे यहां नेताओं का खजाना है, जो कि आगामी दिनों में देश की राजनीति को नई दिशा देने में अहम किरदार अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का आयाम मैसुर तक ही नहीं, बल्कि अन्य हिस्सों तक भी फैला हुआ है। हमारी पार्टी के विधायक पूरे राज्य में जीते हैं। उनका वर्चस्व हर जगह है। हमारी पार्टी में हर समुदाय की नुमाइंदगी है। ऐसे में राष्ट्रीय दल लगातार सत्ता की मलाई चखने के लिए हमारी ओर देख रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी छीने के बारे में कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी सांसदी केंद्र ने साजिशन छीन ली है। यह अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात है।
ध्यान दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद सभी विपक्षी दल एकजुट होकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। ममता दीदी से लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला था, जिसे बाद विपक्षी दलों की एकता के रूप में रेखांकित किया गया था। उधर, दक्षिण की तरफ से भी राहुल के पक्ष में आवाज उठाई गई थी, लेकिन अब जिस तरह का बयान देवेगौड़ा की ओर से आया है, उसे कांग्रेस द्वारा विपक्षी एकता की कोशिश को झटका देने के रूप में देखा जा रहा है। बहरहाल, अब इस पर कांग्रेस की ओर से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।