नई दिल्ली। एक तरफ देश में जहां कोरोना की दूसरी लहर के बीच बने माहौल में नए मामले कम होने के चलते थोड़ी राहत की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं कोरोना महामारी को लेकर राजनीति भी जोरों पर है। इस बीच राजस्थान की गहलोत सरकार कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों को लेकर विवादों में आ गई है। दरअसल राजस्थान सरकार द्वारा दिए जा रहे कोरोना से मौत के आंकड़ों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। जोधपुर भास्कर की एक खबर के मुताबिक राजस्थान में कोरोना से मरने वाली की संख्या सरकारी आंकड़ें और जमीनी हकीकत में काफी अंतर है। अखबार के मुताबिक, 1 मई से 19 मई के बीच जिले के 433 गांवों में 2,912 लोगों की मौत हुई है।
लेकिन सामने आए आंकड़ों में राज्य सरकार ने केवल 618 लोगों की मौत का कारण कोरोना को बताया। बकि 2,294 लोगों की मौत सामान्य बताई है। अखबार के मुताबिक जिनकी मौतें अस्पताल में हुई उन्हें कोरोना से माना और जिनकी घरों व अस्पतालों के रास्ते में उन्हें सामान्य बताया। जबकि खुद राज्य सरकार ने अधिकाश का अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकॉल से करवाया है। इसका खुलासा खुद राज्य सरकार द्वारा कराए गए घर-घर में हुए सर्वे में हुआ है।
सैंपलिंग नहीं हुई इसलिए आपकी मौत कोरोना से नहीं मानी जाएगी। शायद @RahulGandhi इस “राजस्थान मॉडल” के बारे में जानते हैं इसलिए ट्वीट कर रहे थे कि राज्यों के दिए आंकड़े जोड़कर सामने रखनेवाला केंद्र कोरोना से मौत के सही आंकड़े नहीं बता रहा। pic.twitter.com/4MaprXEqVT
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) May 27, 2021
मगर सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों आंकड़ों के इस खेल में लोगों से झूठ बोला जा रहा? आखिर क्यों लोगों को भ्रमित करने के लिए गलत आंकड़ें पेश किए जा रहे हैं?