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करौली हिंसा: पीड़ितों के जख्मों पर गहलोत सरकार ने छिड़का नमक, मुआवजे देने की आई बारी, तो सूची से 28 हिंदुओं के नाम कर दिए कम !

Rajasthan : यह सूची जारी करने के बाद से राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर एक बार फिर से तुष्टिकरण एवं भेदभाव का आरोप लगाया गया है। उपद्रव में घायलों की सूची में समस्त 45 नाम हिंदू समुदाय के थे, जिसमें से कलेक्टर ऑफिस से 28 नाम हटा दिए, जबकि नुकसान पीड़ितों की सूची में 69 में से 5 नाम हटा कर 21 नाम हिंदू समुदाय से और 43 नाम मुस्लिम समुदाय से कर दिए।

नई दिल्ली। राजस्थान का करौली 02 अप्रैल हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में निकली भगवा रैली पर मुस्लिम इलाके में हुई आगजनी एवं पत्थरबाजी के लिए पुरे देश में चर्चा में आया था। इस आगजनी और पथराव में कई कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए तो कई दुकानों, वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। राज्य की सत्ता में काबिज कांग्रेस से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हिंदूवादी संगठनों के द्वारा भड़काऊ भाषण को इस आगजनी और पथराव का जिम्मेदार बताया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शांति का सन्देश देने की अपील की थी। इस घटना के 20 दिन बाद गृह विभाग राजस्थान सरकार ने करौली उपद्रव में घायल पीड़ित एवं नुकसान पीड़ित को आर्थिक सहायता देने के लिए दो अलग-अलग लिस्ट जारी की, जिसके तहत राज्य सरकार ने कुल 1 करोड़ 41 लाख 80 हजार रुपये( 18,25,000/-रुपये घायल पीड़ितों एवं 1,23,55,000 /- रुपये नुकसान पीड़ितों) की आर्थिक सहायता देना प्रस्तावित किया। उपद्रव में घायल पीड़ितों की सूची में 45 नाम है, जबकि नुकसान के पीड़ितों की सूची में 69। उसके बाद 28 अप्रैल को जिला कलेक्टर & मजिस्ट्रेट करौली ने सूची जारी की जिसमें घायल पीड़ित की संख्या 45 से घटाकर 17 कर दी गयी एवं आर्थिक सहायता राशि भी घटाकर 11,25,000/-रुपये कर दी गयी एवं जबकि नुकसान पीड़ितों की संख्या 69 से 64 कर दी गयी तथा इसमें सहायता धनराशि में भी कटौत्री कर दी गयी।

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यह सूची जारी करने के बाद से राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर एक बार फिर से तुष्टिकरण एवं भेदभाव का आरोप लगाया गया है। उपद्रव में घायलों की सूची में समस्त 45 नाम हिंदू समुदाय के थे, जिसमें से कलेक्टर ऑफिस से 28 नाम हटा दिए, जबकि नुकसान पीड़ितों की सूची में 69 में से 5 नाम हटा कर 21 नाम हिंदू समुदाय से और 43 नाम मुस्लिम समुदाय से कर दिए।

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एक नाम पर सामूहिक रूप से 20 फल-सब्जी ठेलों का  था, जबकि 4 नाम श्री मंदिर की दुकान, जैनो की दुकान (दोनों को 45-45 हजार रुपये), विवादित (1 लाख रुपये )एवं देवस्थान विभाग (20 हजार रुपये)थे, को हटा दिया गया। घायल पीड़ितों की सूची में 4 पीड़ितों को 2-2 लाख रुपये, जबकि बाकि सभी 13 घायल पीड़ितों को 25 हजार रुपये की मदद स्वीकृत की गयी है।

करौली जिले से अमितोष पारीक, विधि प्रान्त सह प्रमुख, विश्व हिंदू परिषद ने सूची जारी करने के बाद गहलोत सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि” मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए अशोक गहलोत सरकार के गृह विभाग से जारी आर्थिक सहायता की सूची में भी भेदभाव दिखा दिया। घायलों की सूची में 45 हिन्दू समुदाय के लोग थे, जिसको जिला कलेक्टर कार्यालय ने घटाकर 17 कर दिया। घायलों की सूची से बिल्कुल स्पष्ट है कि समस्त घायल, हिंदू समुदाय से हैं, तो फिर मुस्लिम समुदाय को नुकसान हिंदू समुदाय से ज्यादा कैसे हो सकता है?

मुस्लिम समुदाय के लोगो को जो नुकसान हुआ उसका जिम्मेदार हिंदू समुदाय नहीं, बल्कि उनके समुदाय के ही है। अशोक गहलोत सरकार को पथराव और आगजनी करने वाले लोगों से वसूली कर उन सबके नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।”

केशव सिंह नरुका, आरएसएस पदाधिकारी जिला करौली ने भी गृह विभाग द्वारा जारी की गयी सूची के माध्यम से अशोक गहलोत सरकार की नियत पर सवाल खड़ा किया और कहा कि” मुस्लिम समुदाय के लोगों को जिस तरह से आर्थिक सहायता दी गयी है, वह उनको संतुष्ट करने का तरीका है, जितनी उनको सहायता दी गयी उतना तो उनका नुकसान ही नहीं हुआ।”