War Of Words: ‘मुझे RSS का होने पर गर्व, हिम्मत हो तो लगाएं बैन’, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की लालू यादव को चुनौती
लालू यादव अकेले विपक्षी नेता नहीं हैं, जिन्होंने पीएफआई पर बैन लगाने का विरोध किया है। इसी तरह असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के नेता कमलनाथ, सीपीएम के सीताराम येचुरी, सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी पीएफआई पर बैन के खिलाफ बुधवार को बयान दिए थे।
नई दिल्ली। इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI पर बैन लगने के बाद आरजेडी चीफ लालू यादव ने मांग की थी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS पर भी बैन लगना चाहिए। लालू के इसी बयान पर मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने चुनौती देते हुए पलटवार किया है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि हमें आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर गर्व है। क्या लालू यादव कह सकते हैं कि वह PFI के सदस्य हैं? बिहार में उनकी सरकार है, हिम्मत है तो बिहार में आरएसएस को बैन कर दो।
हमे आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर गर्व है,क्या लालू यादव कह सकते हैं कि वह PFI के सदस्य हैं? बिहार में उनकी सरकार है, हिम्मत है तो बिहार में आरएसएस को बैन कर दो।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 29, 2022
गिरिराज सिंह ने इससे पहले बुधवार को भी पीएफआई और आरएसएस पर बैन के मुद्दे पर लालू यादव को निशाने पर लिया था।। एक ट्वीट में उन्होंने लालू यादव की खिंचाई करते हुए लिखा, ‘लालू यादव जी की याददाश्त कमजोर हो गई है। 1990 में जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब वे इस आरएसएस और बीजेपी का गुणगान कर रहे थे। आज वोट बैंक की जरूरत है तो पीएफआई की तारीफ कर रहे हैं।’
लालू यादव जी की याददाश्त कमजोर हो गई है, 1990 में जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब वे इस आरएसएस और बीजेपी का गुणगान कर रहे थे, आज वोट बैंक की जरूरत है तो पीएफआई की तारीफ कर रहे हैं।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 28, 2022
इससे पहले लालू यादव ने बुधवार को कहा था कि पीएफआई के खिलाफ जांच चल रही है। पीएफआई की तरह के अन्य संगठनों जैसे आरएसएस को भी बैन कर जांच करनी चाहिए।
“PFI is being investigated. All organisations like PFI including RSS should be banned and an investigation should be done,” says RJD chief Lalu Prasad Yadav on #PFIBan pic.twitter.com/9nnxvwIEGU
— ANI (@ANI) September 28, 2022
लालू यादव अकेले विपक्षी नेता नहीं हैं, जिन्होंने पीएफआई पर बैन लगाने का विरोध किया है। इसी तरह असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के नेता कमलनाथ, सीपीएम के सीताराम येचुरी, सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी पीएफआई पर बैन के खिलाफ बुधवार को बयान दिए थे। कमलनाथ ने कहा था कि मोदी सरकार आखिर इतने दिनों से चुपचाप क्यों थी और पहले बैन क्यों नहीं लगाया। वहीं, ओवैसी और बर्क ने मुस्लिम का मुद्दा अपने बयान में छेड़ा था। ओवैसी ने तो एक बम धमाके के मामले में हिंदूवादी संगठन का नाम लेते हुए निशाना साधा था।