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War Of Words: ‘मुझे RSS का होने पर गर्व, हिम्मत हो तो लगाएं बैन’, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की लालू यादव को चुनौती

लालू यादव अकेले विपक्षी नेता नहीं हैं, जिन्होंने पीएफआई पर बैन लगाने का विरोध किया है। इसी तरह असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के नेता कमलनाथ, सीपीएम के सीताराम येचुरी, सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी पीएफआई पर बैन के खिलाफ बुधवार को बयान दिए थे।

नई दिल्ली। इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI पर बैन लगने के बाद आरजेडी चीफ लालू यादव ने मांग की थी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS पर भी बैन लगना चाहिए। लालू के इसी बयान पर मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने चुनौती देते हुए पलटवार किया है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि हमें आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर गर्व है। क्या लालू यादव कह सकते हैं कि वह PFI के सदस्य हैं? बिहार में उनकी सरकार है, हिम्मत है तो बिहार में आरएसएस को बैन कर दो।

गिरिराज सिंह ने इससे पहले बुधवार को भी पीएफआई और आरएसएस पर बैन के मुद्दे पर लालू यादव को निशाने पर लिया था।। एक ट्वीट में उन्होंने लालू यादव की खिंचाई करते हुए लिखा, ‘लालू यादव जी की याददाश्त कमजोर हो गई है। 1990 में जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब वे इस आरएसएस और बीजेपी का गुणगान कर रहे थे। आज वोट बैंक की जरूरत है तो पीएफआई की तारीफ कर रहे हैं।’

इससे पहले लालू यादव ने बुधवार को कहा था कि पीएफआई के खिलाफ जांच चल रही है। पीएफआई की तरह के अन्य संगठनों जैसे आरएसएस को भी बैन कर जांच करनी चाहिए।

लालू यादव अकेले विपक्षी नेता नहीं हैं, जिन्होंने पीएफआई पर बैन लगाने का विरोध किया है। इसी तरह असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के नेता कमलनाथ, सीपीएम के सीताराम येचुरी, सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी पीएफआई पर बैन के खिलाफ बुधवार को बयान दिए थे। कमलनाथ ने कहा था कि मोदी सरकार आखिर इतने दिनों से चुपचाप क्यों थी और पहले बैन क्यों नहीं लगाया। वहीं, ओवैसी और बर्क ने मुस्लिम का मुद्दा अपने बयान में छेड़ा था। ओवैसी ने तो एक बम धमाके के मामले में हिंदूवादी संगठन का नाम लेते हुए निशाना साधा था।