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खुशखबरी: अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण में अब तक पूरा हो चुका है इतना काम, बस कुछ महीने का इंतजार

Ayodhya: नींव को भरने के लिए विशेष मसाला इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे इंजीनियर्स फिल कहते हैं। अब तक 18 लाख घन फुट इंजीनियर्स फिल का इस्तेमाल हो चुका है। इस खास मसाले को राम जन्मभूमि परिसर में ही प्लांट लगाकर तैयार किया जाता है। नींव के लिए करीब 70 लाख घनफुट मसाले और सरिया की जरूरत पड़ेगी।

नई दिल्ली। सरयू की कल-कल बहती धारा की ही तरह अयोध्या में भगवान रामलला के मंदिर का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। दिन और रात यहां दो शिफ्ट में काम हो रहा है। ऐसे में वो महत्वपूर्ण काम आधा निपट गया है, जिसके लिए तमाम आर्किटेक्ट और इंजीनियर परेशान थे। अब मुख्य मंदिर बनने का काम अक्टूबर में शुरू किया जाएगा। श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर की नींव तैयार करने का आधा काम रविवार को पूरा कर लिया गया है। मंदिर के लिए कुल 44 लेयर नींव डाली जानी है। इसमें से 22 लेयर डाली जा चुकी है। हर एक लेयर एक मीटर मोटी है। यानी कुल 44 मीटर मोटी नींव डाली जानी है।

नींव को भरने के लिए विशेष मसाला इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे इंजीनियर्स फिल कहते हैं। अब तक 18 लाख घन फुट इंजीनियर्स फिल का इस्तेमाल हो चुका है। इस खास मसाले को राम जन्मभूमि परिसर में ही प्लांट लगाकर तैयार किया जाता है। नींव के लिए करीब 70 लाख घनफुट मसाले और सरिया की जरूरत पड़ेगी।

इस काम पर मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, सूरत और रुड़की के कई इंजीनियर लगे हुए हैं। इनके निर्देश पर मजदूर लगातार काम कर रहे हैं और नींव की भराई चल रही है। इस तरह नींव बनाने के लिए बर्फ से उसे ठंडा किया जाता है। एक लेयर सख्त होने के बाद दूसरी लेयर डाली जाती है। मसाले से पूरा भर देने के बाद सबसे ऊपर सख्ती को और बढ़ाने के लिए ग्रेनाइट लगाया जाएगा।

बता दें कि यहां मंदिर की नींव खोदने के दौरान पता चला था कि नीचे की मिट्टी काफी असमान और असंतुलित है। इसकी वजह जमीन के नीचे सरयू नदी के पानी का बहाव है। इसके बाद इंजीनियर्स ने काफी सोच-विचाकर इस तरह खास मसाले से नींव बनाने की प्लानिंग की। ट्रस्ट पहले ही कह चुका है कि मंदिर को इतना मजबूत बनाया जाएगा कि कई सौ साल तक इसमें खरोंच तक नहीं आएगी।