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I&B Ministry: सरकार प्रेस की स्वतंत्रता की पक्षधर, प्रकाश जावड़ेकर ने OTT प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट को लेकर दिया संकेत

I&B Ministry: प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने OTT प्लेफॉर्म्स (OTT Platforms)के लिए भी कोई कंटेंट नियामक संस्था न होने की बात को लेकर निराश व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर कई अच्छे और कई बहुत बुरे कंटेंट मौजूद हैं ऐसे में इसके लिए भी नियामक संस्था को बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है।

नई दिल्ली। आज पूरा देश राष्ट्रीय प्रेस दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक वेबिनार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बोल रहे थे। उन्होंने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता कई सारी जिम्मेदारियां भी लेकर आती हैं। ऐसे में टीवी मीडिया को खबरों के द्वारा सनसनी फैलाने से बचना चाहिए। इससे पहले राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, प्रकाश जावड़ेकर सहित कई नेताओं ने देश भर के पत्रकारों को ट्वीट कर बधाई दी। इस वेबिनार में बोलते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि फ्री प्रेस लोकतंत्र की आत्मा है और ऐसे में मीडिया चैनलों के लिए जिम्मेदार स्वतंत्रता होनी चाहिए। उन्होंने आगे OTT प्लेफॉर्म्स के लिए भी कोई कंटेंट नियामक संस्था न होने की बात को लेकर निराश व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर कई अच्छे और कई बहुत बुरे कंटेंट मौजूद हैं ऐसे में इसके लिए भी नियामक संस्था को बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है।

Prakash Javdekar

इसके साथ ही प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि OTT प्लेटफॉर्म्स को लेकर कई तरह की शिकायतें समय-समय पर मिल रही हैं। शिकायतों में साफ-साफ बताया जा रहा है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर कई तरह के भ्रामक तथ्य होने के साथ ही जमकर फेक न्यूज़ को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी जगहों से धार्मिक भावनाओं को आहत किए जाने वाले कंटेंट की शिकायतें भी मिल रही हैं। प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा कि मीडिया में आज ‘फेक न्यूज़’ सबसे बड़ी समस्या बन गई है। ऐसे में प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इससे निपटने के लिए तरीकों पर लगातार विचार किया जा रहा है। जल्द ही इनके लिए ‘कॉमन कोड ऑफ कंडक्ट’ भी आएगा।


सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर लिखा कि, टीवी मीडिया का अपना स्व-नियामक निकाय होना चाहिए। न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली एक एजेंसी को समाचार चैनलों को विनियमित करने के लिए बनाया गया है, लेकिन उनमें से कई इसके सदस्य नहीं हैं। समाचार चैनल के जवाबदेह आचरण संहिता बनाने के लिए कई सुझाव आए हैं।


इसके साथ ही प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों में कोई नियामक संस्था नहीं है। ऐसे में यहां जारी होने वाले कंटेंट को लेकर अभी तक कोई सेंसरशिप जैसी स्थिति नहीं है। इन ओटीटी प्लेटफार्मों पर अच्छे से लेकर बुरे तक हर किस्म की सामग्री मौजूद है। ऐसे में मीडिया बिरादरी को स्वयं जिम्मेदार स्वतंत्रता का उदाहरण स्थापित करने के लिए पहल करनी चाहिए।


टीआरपी हेरफेर को लेकर जारी बवाल के सवाल पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस मामले में जांच करने और इस समस्या का समाधान करने के लिए, हमने एक समिति बनाई है जो बहुत जल्द अपनी रिपोर्ट देगी।