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UP: शासन ने जारी की पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण नीति, पिछले चुनाव में आरक्षित रही सीट इस बार हो सकती है अना‍रक्षित

Reservation Policy Panchayat Elections: 2 से 3 मार्च के बीच प्रधानों, ग्राम पंचायत, क्षेत्र व जिला पंचायत के आरक्षित प्रदेशिक आरक्षण निर्वाचन क्षेत्र के आवंटन की प्रस्‍तावित सूची का जिलाधिकारी द्वारार प्रकाशन किया जाएगा।

लखनऊ। पंचायती राज द्वारा त्रिस्तरीय सामान्य निर्वाचन 2021 के नवनिर्गत आरक्षण नीति जारी कर दी है। अपर मुख्‍य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव में रोटेशन आरक्षण लागू किया है। प्रदेश के 826 ब्‍लाक, 58194 ग्राम पंचायतों का गठन कियाा जा चुका है। आरक्षण नीति में 1995 से 2015 में हुए आरक्षण को संज्ञान में रखा गया है। मनोज कुमार सिंह ने कहा कि एससी, ओबीसी, महिला क्रम में पिछले चुनावों को देखते हुए आरक्षण लागू किया जाएगा। जो पद पहले कभी आरक्षित नहीं हुए, उनको व‍रीयता दी जाएगी। उन्‍होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 2 जिला पंचायत ऐसी थीं जो आज तक शेड्यूल कास्ट और ओबीसी के लिए नहीं आरक्षित हुईं हैं। वहीं, 7 ऐसी जिला पंचायतें हैं, जो महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं हुईं। उन्‍होंने कहा कि चुनाव में शिक्षा आड़े नहीं आएगी। पूर्व की तरह ही पंचायती चुनाव कराएं जाएंगे। 826 ब्लॉकों में जिलेवार किस श्रेणी में आरक्षण होगा, यह राज्य स्तर पर जारी किया जाएगा।

CM Yogi Meeting

इसके साथ ही जिला पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी। 2 से 3 मार्च के बीच प्रधानों, ग्राम पंचायत, क्षेत्र व जिला पंचायत के आरक्षित प्रदेशिक आरक्षण निर्वाचन क्षेत्र के आवंटन की प्रस्‍तावित सूची का जिलाधिकारी द्वारार प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद 4 मार्च से लेकर 8 मार्च तक, 4 दिन में आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। जिसे भी आपत्ति करनी है लिखित आपत्ति दर्ज करानी पड़ेगी। फिर 10 से 12 मार्च के बीच आई हुई आपत्तियों का निस्‍तारण करते हुए अंतिम सूची तैयार की जाएगी।

मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वार्ड मेंबर, क्षेत्र पंचायत के सदस्य, ग्राम प्रधान एवं उनके सदस्य सभी के सीटों का निर्धारण किया जा चुका है। पंचायत चुनाव में 2015 में जो आरक्षण की स्थिति थी, वह इस चुनाव में नहीं होगी। जो पद शेड्यूल कास्ट या फिर शेड्यूल कास्ट महिला के लिए हैं, वे इस बार अनारक्षित व ओबीसी के हो सकते हैं।

voting

कोई भी ऐसा पद जो आज तक शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित नहीं हुआ, वह शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित हो सकता है। ऐसे ही जिला पंचायत का कोई अध्यक्ष पद नहीं आरक्षित रहा है, तो वह आरक्षित हो सकता है। कोई ऐसा पद जो ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं हुआ है वह ओबीसी के लिए आरक्षित होगा, इसी तरह कोई पद महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं हुआ तो इस बार हो सकता है।