नई दिल्ली। ये वही कांग्रेस है, जो अभिव्यक्ति की आजादी पर तकरीरों की दरिया बहाने से गुरेज नहीं करती है और केंद्र की मोदी सरकार पर अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात करने की तोमहतें भी लगाती हैं, लेकिन इनके खुद के शासित राज्य में लोगों को अभिव्यक्ति की कितनी आजादी है, इसका अंदाजा गहलोत राज में दिनदहाड़े कन्हैयालाल की हुई हत्या को देखकर लगाया जा सकता है। दरअसल, कन्हैयालाल के बेटे ने नूपुर शर्मा के समर्थन में वाट्सएप स्टेटस लगाया था, जिससे खफा हुए मोहम्मद रियाद और मोहम्मद नाम के दो आरोपियों ने तलवार से गला रेतकर सरेआम दिनदाहड़े कन्हैयालाल की हत्या कर दी। बता दें कि उदयपुर के धानमंडी स्थित भूतमहल के पास सुप्रीम टेलर्स नाम से दुकान है, जहां हत्यारे कपड़े के नाप देने के बहाने गए थे और कपड़े का नाप लेने के दौरान उनकी हत्या हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के बाद सूबे में सनसनी जैसा आलम है। ऐसे में एक बार फिर से गहलोत सरकार कानून-व्यवस्था के मसले को लेकर सवालिया कठघरे में आ चुकी है।
हालांकि, गहलोत ने पूरे मामले को संज्ञान में लेकर पुलिस को जांच के निर्देश दे दिए हैं। वहीं, इस जघन्य हत्याकांड के प्रकाश में आने के बाद सियासी बिरादरी की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आ रही है, जिसमें राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। हालांकि, शासन की तरफ से पुलिस के आलाधिकारियों को आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं। वहीं, मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, एक आरोपी को चिन्हित कर लिया गया है। लेकिन इस बीच उदयपुर में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, चूंकि हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर लोगों का रिएक्शन भी देखने को मिल रहा है।
Rajasthan: नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले कन्हैया लाल तेली की दिनदहाड़े के बाद जगह – जगह विरोध pic.twitter.com/t3DP2OB1we
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) June 28, 2022
वहीं, इस हत्याकांड के प्रकाश में आने के बाद उदयपुर की सड़कों पर लोग आगजनी करते हुए दिखें। इस मामले पर लोग अपने आक्रोश को जाहिर कर रहे हैं और शासन की ओर से मांग की जा रही है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उधर, उदयपुर में एहतियातन इंटरनेट बंद कर दिया गया है, ताकि मामले से संबंधित कोई भी अफवाह नहीं फैलाई जाए। बता दें कि आरोपियों द्वारा कन्हैयालाल को पिछले काफी दिनों से धमकी दी जा रही थी, जिसकी शिकायत भी उन्होंने पुलिस में की थी, लेकिन राज्य सरकार की कानून व्यवस्था की बदहाली देखिए कि शिकायत मिलने के बावजूद भी कोई कार्रवाई करना उचित नहीं समझा गया। वहीं, विपक्ष की ओर से भी सवाल किए जा रहे हैं कि आखिर शिकायत मिलने के बाद भी क्यों कन्हैयालाल को सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई। उधर, उदयपुर में इस हत्याकांड के बाद अब उत्तर प्रदेश के सभी जिलों को भी अलर्ट कर दिया गया है।