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Uttar Pradesh: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाया

Uttar Pradesh: जांच समिति के अन्य सदस्य कानपुर में स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति वी.के. पाठक और कपिलवस्तु के सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे शामिल हैं। कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आगरा में स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, के कुलपति को उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया है और उनके खिलाफ वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार मित्तल को जांच पूरी होने तक तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया है। राज्यपाल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना पांडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जबकि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

Bhimrao Ambedkar University Agra

जांच समिति के अन्य सदस्य कानपुर में स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति वी.के. पाठक और कपिलवस्तु के सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे शामिल हैं। कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव महेश गुप्ता ने एक विज्ञप्ति में कहा कि प्रोफेसर मित्तल पर अनुशासनहीनता, वित्तीय और प्रशासनिक विसंगतियों का आरोप लगाया गया है। गुप्ता ने कहा कि राज्यपाल द्वारा 31 मई से 2 जून तक समीक्षा बैठकों के दौरान कुलपति द्वारा उठाए गए संदर्भ बिंदुओं पर प्रोफेसर मित्तल को तैयार नहीं पाया गया। समीक्षा बैठकों के दौरान उनके द्वारा दिए गए जवाब असंतोषजनक पाए गए।

नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी, ऑडिट में उठाई गई आपत्तियों की अनदेखी, उच्च न्यायालय में लंबित मामलों पर अपर्याप्त कार्रवाई, विद्यार्थियों को समय पर डिग्री न देने और कर्मचारियों को अनावश्यक ओवरटाइम मानदेय देने की जांच की जायेगी। राजभवन की ओर से जारी एक नोट में कहा गया है कि ये सभी कुलपति की लापरवाही और संस्था के प्रमुख के रूप में उदासीन व्यवहार का संकेत हैं।