नई दिल्ली। कहते हैं अगर आपके हौसले बुलंद हो तो तूफान भी आपको आगे जाने से रोक नहीं सकता। भले ही कितनी मुश्किलें कितनी भी आएं लेकिन हौसले अगर अटूट हों तो मुश्किलें मंजिल के सामने बहुत छोटी लगती है। यही कारण है कि बचपन से ही हमें अपना लक्ष्य तय करने और उसे पूरा करने की सलाह और सीख दी जाती है। जो लोग सोच रहे हैं कि बात तो सही है लेकिन हमें ये इतनी समझाई क्यों जा रही है तो दोस्तों आज हम आपके लिए जो खबर लेकर आए हैं वो ऐसे दंपत्ति की है जिन्होंने अपने हौसलों पर अडिग रहकर कीर्तिमान स्थापित किया है। दरअसल, जिस दंपति की हम बात कर रहे हैं वो पेशे से सर्जन हैं और इन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह कर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है।
ये ऐसे पहले दंपत्ति हैं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह किया है इतना ही नहीं इस चिकित्सक दंपति ने बिना पूरक ऑक्सीजन के ही दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी को फतह कर अपना नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों से दर्ज करा लिया है। नेपाल की मीडिया ने शनिवार को ये जानकारी दी है।
स्टोरी एडवेंचर के प्रबंध निदेशक ऋषि भंडारी का कहना है कि शुक्रवार की सुबह साढ़े आठ बजे हेमंत ललितचंद्र लेउवा और उनकी पत्नी डॉ. सुरभिबेन हेमंत लेउवा 8,849 मीटर ऊंची माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे। इस चोटी पर पहुंच वो ऐसे पहले भारतीय चिकित्सक दम्पती बन गए हैं जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया है।
आपको बता दें, ‘द हिमालयन टाइम्स’ ने खबर दी है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह करने वाले डॉ. हेमंत एनएचएल निगम मेडिकल कॉलेज में सर्जरी के प्रोफेसर हैं। वहीं, उनकी पत्नी सुरभि गुजरात विद्यापीठ में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।