यरुशलम। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने भले ही इजरायल से संघर्ष रोकने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, लेकिन इजरायल ने साफ कर दिया है कि उसकी मूल मांग को पूरा करने में ये शांति प्रस्ताव कारगर नहीं है। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया है कि हमास पर दबाव बनाए रखने के लिए राफा में सैन्य अभियान जारी रहेगा। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नेतनयाहू को फोन किया और चेतावनी के अंदाज में कहा कि राफा में जमीनी हमला न करें।
इजरायल के पीएम नेतनयाहू के दफ्तर ने संघर्ष रोकने के प्रस्ताव पर हमास की ओर से दी गई सहमति पर कहा कि राफा पर अभियान जारी रखा जाएगा। इजरायल के पीएम का कहना है कि राफा पर हमला कर बंधकों की रिहाई का कदम वो आगे बढ़ाना चाहते हैं। इजरायल ने इस बीच ये भी कहा है कि हमास से समझौते की संभावना को वो बढ़ाने की खातिर एक प्रतिनिधमंडल मिस्र भेजेगा। मिस्र में ही हमास और इजरायल के बीच संघर्ष विराम के समझौते की बात हुई थी। ये समझौता कतर और अन्य इस्लामी देशों ने मिलकर कराया है। बताया जा रहा है कि इजरायल से संघर्ष रोकने संबंधी समझौते को स्वीकार करने की सूचना हमास के नेता इस्माइल हनिया ने कतर और मिस्र भेजा है। इस प्रस्ताव के बाद इजरायल ने राफा से 1 लाख फिलिस्तीनियों को निकालने का आदेश दिया था।
दरअसल, हमास के खिलाफ इजरायल ने पिछले साल अक्टूबर से सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। इसकी वजह ये थी कि 7 अक्टूबर 2023 की सुबह हमास ने इजरायल के कई इलाकों पर हमला कर दिया था। 4000 से ज्यादा लोग हमास आतंकियों के हमले में मारे गए थे। जबकि, 200 से ज्यादा इजरायली और अन्य देशों के लोगों को आतंकी संगठन ने बंधक बना लिया था। इजरायल ने इसके बाद गाजा पर बमबारी शुरू की। जिसमें 37000 से ज्यादा फिलिस्तीनी अब तक मारे जा चुके हैं। गाजा में हमास को नेस्तनाबूद करने के बाद अब इजरायल ने मिस्र से लगे राफा इलाके को निशाना बनाना शुरू किया है। बेंजामिन नेतनयाहू ने कसम खाई है कि सैन्य कार्रवाई तभी रुकेगी, जब वो हमास को पूरी तरह नष्ट कर देंगे।