गुवाहाटी। असम के गुवाहाटी हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के करीबी और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी को असम की नेता अंकिता दत्ता की शिकायत पर फौरी राहत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस अजित बोरठाकुर ने इस मामले में बुधवार को सुनवाई की। श्रीनिवास ने खुद के खिलाफ दर्ज असम पुलिस की एफआईआर को रद्द करने की अपील गुवाहाटी हाईकोर्ट में की है। अंकिता दत्ता ने पुलिस में शिकायत की थी कि श्रीनिवास ने उनको परेशान किया और सम्मान को भी चोट पहुंचाई। जस्टिस बोरठाकुर ने श्रीनिवास की अर्जी पर सुनवाई करने के दौरान कहा कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़ित महिला के बयान को देखकर ही अर्जी दाखिल करने वाले पर फैसला सुनाया जा सकता है। इसी वजह से कोर्ट ने एफआईआर पर रोक की अंतरिम प्रार्थना ठुकरा दी। कोर्ट ने कहा कि केस डायरी की स्कैन की गई कॉपी और पीड़ित पक्ष को नोटिस जारी किए जाने के बाद ही अंतरिम राहत देने पर विचार हो सकता है।
Breaking: Gauhati High Court Denies Interim Protection For Now To Srinivas BV, National President – Indian Youth Congress in a Case filed by his Former Colleague under Sections 509/294/341/352/354/354A(iv)/506 of the IPC pic.twitter.com/ikRkogRNRg
— Live Law (@LiveLawIndia) April 26, 2023
कांग्रेस से निकाल दी गईं अंकिता दत्ता असम में यूथ कांग्रेस की अध्यक्ष रही हैं। उन्होंने श्रीनिवास बीवी पर आरोप लगाया है कि वो उनको लगातार अशोभनीय शब्दों से मानसिक तौर पर परेशान करते रहे। साथ ही उनको गंभीर धमकियां भी दी। अंकिता का कहना है कि उन्होंने श्रीनिवास के व्यवहार को कांग्रेस के बड़े नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वगैरा तक पहुंचाया, लेकिन श्रीनिवास के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। अंकिता ने ये आरोप भी लगाया है कि जब इस साल 25 मार्च को वो कांग्रेस महाधिवेशन में हिस्सा लेने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर गई थीं, तो वहां श्रीनिवास ने उनका हाथ पकड़ा और झकझोरते हुए अशोभनीय शब्द कहे।
अंकिता दत्ता ने ये आरोप भी लगाया है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को सारे मामले की जानकारी देने के बाद भी कोई कदम न उठाया गया। इस पर उन्होंने श्रीनिवास के खिलाफ आईपीसी की धारा 509, 294, 341, 352, 354, 354ए(4), 506 और आईटीएक्ट की धारा 67 के तहत पुलिस में शिकायत कराई। वहीं, श्रीनिवास ने इस एफआईआर को रद्द करने की अपील गुवाहाटी हाईकोर्ट में की। श्रीनिवास ने इस मामले में पुलिस की किसी कार्रवाई से सुरक्षा भी कोर्ट से मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उनको अभी इन दोनों में से एक में भी राहत नहीं दी है। इससे श्रीनिवास को पूछताछ के लिए दिसपुर पुलिस के सामने पेश होना पड़ सकता है। पुलिस श्रीनिवास की गिरफ्तारी भी कर सकती है।