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Covid-19: पूर्व PM मनमोहन सिंह को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का करारा जवाब, कांग्रेस नेताओं की लगाई जमकर क्लास

Harsh Vardhan replies to Manmohan Singh’s letter: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। इसमें वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर कई सुझाव दिए गए थे। वहीं अब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की चिट्ठी का जवाब देने के लिए खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन मैदान में उतरे है।

नई दिल्ली। एक तरफ जहां देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। हर रोज कोरोना अपना नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बीते 24 घंटों में कोरोना के रिकॉर्ड 2,73,810 कोरोना के नए मामले सामने आए है, जबकि इस दौरान 1,619 मरीजों ने अपनी जान गवाई है। वहीं दूसरी ओर, देश में कोरोना संक्रमण की बिगड़ती स्थिति और वैक्सीनेशन को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार राजनीति करने में जुटी हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी के बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह लगातार मोदी सरकार को घेरने में लगे हैं। इसी कड़ी में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। इसमें वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर कई सुझाव दिए गए थे। वहीं अब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की चिट्ठी का जवाब देने के लिए खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन मैदान में उतरे है। उन्होंने पूर्व पीएम के बहाने कांग्रेस को जमकर खरी खोटी सुनाई है।

manmohan singh and narendra modi

हर्षवर्धन ने कहा है कि डॉ. मनमोहन सिंह ने जो सुझाव 18 अप्रैल को दिए हैं, उन्हें सरकार एक हफ्ते पहले ही लागू कर चुकी है। डॉ. हर्षवर्धन ने महामारी के समय कई कांग्रेस नेताओं के रवैये की आलोचना करते हुए कहा है कि वे सार्वजनिक रूप से वैक्सीन की तो खिल्ली उड़ाते हैं, लेकिन बाद में चुपके से लगवाते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कांग्रेस नेताओं से संकट काल में सकारात्मक भूमिका निभाने की अपील की है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि भारत ने विश्व का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया है। 10,11 और 12 करोड़ टीका सबसे तेज लगाने का रिकॉर्ड भारत के नाम हुआ है।

हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह से कहा, “आप भले ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन की उपयोगिता को समझते हैं, लेकिन आपकी पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व की राज्य सरकारें इसको लेकर गंभीर नहीं हैं। क्या यह गर्व का विषय नहीं होना चाहिए कि भारत संभवत: पहला विकाशसील देश है, जिसके पास अपनी निर्मित दो-दो वैक्सीन हैं। यह हैरत की बात है कि अब तक कांग्रेस के नेताओं ने भारतीय वैज्ञानिकों और वैक्सीन निमार्ताओं के लिए धन्यवाद का एक शब्द भी नहीं बोला है। धन्यवाद देने की बात छोड़िए, कांग्रेस के कई नेता वैक्सीन को लेकर अफवाह उड़ाने पर जोर दे रहे हैं। कुछ कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक रूप से वैक्सीन की खिल्ली उड़ाई और बाद में चुपके से वैक्सीन लगवा ली।”

Dr. Harshvardhan

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह से आगे कहा, “जिसने भी आपका लेटर ड्राफ्ट किया है, उसने आपको गुमराह किया है। आपने वैक्सीन के इंपोर्ट का सुझाव दिया है, आपने यह सुझाव 18 अप्रैल को दिया, लेकिन एक हफ्ते पहले 11 अप्रैल को ही सरकार इसका निर्णय कर चुकी है। आपने वैक्सीन निर्माण के लिए संबंधित मैन्युफैक्च र्स को फंड जारी करने की मांग की है, यह काम पहले ही हो चुका है।”

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कई सुझाव दिए थे। जिसमें वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए उन्हें आपूर्ति बढ़ाने की मांग की थी। इसके लिए विश्व की विश्वसनीय अथॉरिटी की ओर से हरी झंडी वाली वैक्सीन के इंपोर्ट का सुझाव प्रमुख था। उन्होंने राज्यों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणियों को तय करने की छूट देने की मांग की थी, ताकि जरूरी सेवाओं में लगे 45 वर्ष से कम उम्र के फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीका लग सके।