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इस तरह हरियाणा के दूसरे राज्यसभा सीट पर भी है भाजपा की नजर, ये है रणनीति

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने से भाजपा को राज्यसभा में नई उम्मीद जगी है। भाजपा को अब उन राज्यों से उम्मीद बढ़ गई है, जहां भाजपा को सरप्लस वोट है।

नई दिल्ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने से भाजपा को राज्यसभा में नई उम्मीद जगी है। भाजपा को अब उन राज्यों से उम्मीद बढ़ गई है, जहां भाजपा को सरप्लस वोट है। ऐसा ही एक राज्य हरियाणा है, जहां भाजपा को लगता है कि दूसरी सीट भी जीती जा सकती है। लिहाजा पार्टी ने यहाँ रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

Jyotiraditya Scindia and BJP President at Party HQ

हरियाणा की 90 सदस्यों की विधानसभा में सरकार के पास 57-58 विधायकों का समर्थन है। इसमें 40 विधायक भाजपा के और दस जननायक जनता पार्टी के हैं। बाकी निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। विधानसभा की गणित के हिसाब से एक सीट जीतने के लिए 31 वोट की जरूरत है।

कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो भाजपा और कांग्रेस को एक-एक सीट मिल जाएगी। लेकिन अगर कांग्रेस के एक या दो विधायक ने भी क्रास वोटिंग कर दी तो कांग्रेस का हिसाब बिगड़ जाएगा। भाजपा की नजर इसी पर है ।

amit shah and manohar lal khattar

हरियाणा भाजपा के एक बड़े नेता ने बताया कि भाजपा दूसरा उम्मीदवार उतारने या किसी निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देने पर विचार कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा दूसरी सीट भी जीत सकती है।

Narendra Modi and Manohar Lal

ध्यान रहे भाजपा के एक सीट जीतने के बाद गठबंधन के पास 27 या 28 वोट बचेंगे। उसे तीन-चार वोट का जुगाड़ करना है। अगर कांग्रेस के एक-दो विधायकों ने भी क्रॉस वोटिंग कर दी, तो भाजपा समर्थित दूसरा उम्मीदवार दूसरी वरीयता के वोटों से जीत सकता है।

manohar-Lal-khattar

गौरतलब है कि 2016 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे तगड़ा झटका हरियाणा में लगा था। पार्टी के 14 विधायकों ने जानबूझ कर मतपत्र पर गलत निशान लगाया था, जिसके चलते पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार आर. के. आनंद को शिकस्त का सामना करना पड़ा। तब कांग्रेस के14 वोट रद्द होने के बाद मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा ने वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व सांसद आर. के. आनंद को हराया था।