नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के विजयी रथ को रोकने के मकसद से बनाए गए इंडिया गठबंधन में तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। नेताओं के बीच जारी मतभेद अब सतह पर सामने आते जा रहे हैं। बैठकों में एक-दूसरे का हाथ पकड़कर एकजुटता का संदेश देने वाले नेताओं की अब आपस में बन नहीं रही है। आलम यह है कि एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल लिया गया है। बात साख तक आ पहुंची है और राजनीति में अपनी साख को बचाने के लिए लोग अब सबकुछ दांव पर लगा देते हैं, तो अगर यह सिलसिला इंडिया गठबंधन मे यूं ही जारी रहा तो यह आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही टूट की कगार पर पहुंच जाएगा और विपक्षियों को पीएम मोदी को परास्त करने का ख्वाब महज ख्वाब रह जाएगा।
“अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है INDIA का तो कभी मिलने नहीं जाते हमारी पार्टी के लोग और न ही हम कभी सूची देते कांग्रेस के लोगों को। गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा तो उसपर विचार किया जाएगा।”
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री… pic.twitter.com/ZdDN9ETgxw
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 19, 2023
आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन में टूट की बात अखिलेश यादव के उस बयान से सतह पर आई थी। जिसमें उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि “अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है INDIA का तो कभी मिलने नहीं जाते हमारी पार्टी के लोग और न ही हम कभी सूची देते कांग्रेस के लोगों को। गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा तो उसपर विचार किया जाएगा।” दरअसल, उनके बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि अखिलेश यादव को लगा था कि यह गठबंधन राष्ट्रीय के साथ राज्य स्तर की राजनीति में अपने हितों को साधने के लिए है, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में अखिलेश यादव की कांग्रेस के कुछ नेताओं से सीट बंटवारे को लेकर विचार-विमर्श के दौरन कुछ मतभेद हो गए, जिसके बाद उन्होंने यह बयान दिया था। बताया जा रहा है कि आगामी मध्य प्रदेश चुनाव में सपा भी हाथ आजमाने जा रही है। इस सिलसिले में संभवत: अखिलेश यादव की कांग्रेस नेताओं के साथ सीट बंटवारे को लेकर मुलाकात हुई थी, लेकिन वार्ता सार्थक साबित नहीं हो पाई, जिसके बाद अखिलेश यादव ने अपना रोष जाहिर करते हुए उक्त बयान दिया था।
#FirstOnTNNavbharat: अखिलेश के सवाल पर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा- ‘अरे छोड़ोअखिलेश..वखिलेश’@jyotimishra999 #MadhyaPradeshElections2023 #Congress #AkhileshYadav #SamajwadiParty pic.twitter.com/KZDkUXhxT1
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) October 20, 2023
उधर, अखिलेश यादव के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने अपने बयान में कहा कि “मैं एक आम आदमी हूं। वह जिस शब्द का इस्तेमाल करना चाहें, कर सकते हैं। मैं कांग्रेस का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं… वह (अखिलेश यादव) मेरे लिए जो भी शब्द इस्तेमाल करते हैं, वह मुझे मंजूर है… अगर हमें हराना है तो मैं अनुरोध करता हूं कि मध्य प्रदेश में भाजपा है, तो उन्हें कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए… उन्हें (अखिलेश यादव) धैर्य रखना चाहिए और मध्य प्रदेश में कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए, जैसे हमने घोसी में उनका समर्थन किया था…”
#WATCH | Lucknow (UP): On Samajwadi Party President Akhilesh Yadav’s statement, UP Congress State President Ajay Rai says, “I am a common man. he can use whichever word he wants. I am a small party worker of the Congress… I accept every word he (Akhilesh Yadav) uses for me… I… pic.twitter.com/E7zMfEeXKI
— ANI (@ANI) October 19, 2023
दरअसल, बीते दिनों मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की बीजेपी से बात नहीं बन पाई थी, जिसके बाद उन्होंने यह बयान मीडिया के सामने खुन्नस में दिया था। वहीं, आज जब पत्रकारों ने अखिलेश यादव के संदर्भ में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सवाल किया, तो उन्होंने बेरुखी से जवाब देते हुए कहा कि अरे छोड़ अखिलेश वखिलेश। इतना कहकर वो गाड़ी में बैठकर चल दिए, लेकिन उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन में दरार बढ़ती जा रही है। अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में मिल सकता है। आइए, अब आगे आपको बताते हैं कि इंडिया गठबंधन क्या है?
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को परास्त करने के ध्येय से इंडिया नामक गठबंधन का विपक्षियों दल ने गठन किया है। पूर्व में यह गठबंधन यूपीए के नाम से जाना जाता था, लेकिन बीते दिनों बेंगलुरु में हुई बैठक में इसका नाम इंडिया रख दिया गया था। यह नाम रखने का सुझाव भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिया था। धीरे-धीरे इस गठबंधन का विस्तार होता गया। कई दूसरे दल इससे जुड़ते गए। अब तक कई बैठकें इस गठबंधन की हो चुकी हैं, लेकिन इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे कि अभी तक संयोजक पद का ऐलान नहीं किया गया है, जिस पर बीजेपी भी लगातार तंज कसती रहती है। उधर, गठबंधन के इंडिया नाम को लेकर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है।