नई दिल्ली। जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर चल रहे केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई का चाबुक चला दिया है। अश्विनी वैष्णव भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकायतों पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। रेलवे में करीब 40 अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के बाद उन्होंने दूरसंचार विभाग में भी कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने यहां 10 अधिकारियों को वालंटियर रिटायरमेंट पर भेज दिया है।
आपको बता दें कि अश्विनी वैष्णव लगातार भ्रष्ट अधिकारियों पर एक के बाद एक कार्रवाई कर रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने टेलिकॉम डिपार्टमेंट के 10 सीनियर अफसरों को जबरन रिटायरमेंट पर भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक इन सभी अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त होने के संदेह के चलते ऐसा किया गया है। सरकार ने अलग-अलग कानूनों में मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए इन अधिकारियों की छुट्टी कर दी है।
लापरवाही की मिली थी शिकायत
अश्विनी वैष्णव के इस फैसले के बाद आधिकारिक सूत्र ने बताया कि भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकायतें मिलने पर अश्विनी वैष्णव ने एक संयुक्त सचिव समेत दूरसंचार विभाग के 10 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया। इन अधिकारियों में 9 अधिकारी निदेशक स्तर पर काम कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक सरकार ने सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के पेंशन नियम 48 की धारा 56 (जे) में मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए इन अधिकारियों की को बाहर का रास्ता दिखाया है।
इससे पहले रेलवे विभाग में भी की थी कार्रवाई
यह कोई पहली बार नहीं है जब संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस तरह का कोई फैसला किया है बल्कि इससे पहले भी रेलवे में इस तरह की कार्रवाई कर चुके हैं। नरेंद्र मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के तौर पर मनाती है। रेलवे विभाग में भी लगभग 40 अधिकारियों को उनके निराशाजनक प्रदर्शन और संदिग्ध हरकतों के कारण मजबूरन रिटायरमेंट पर भेज दिया था।