नई दिल्ली। शादी बारात के फंक्शन आजकल स्टेटस सिंबल बनते जा रहे हैं। डेस्टिनेशन वेडिंग, बढ़िया फाइव स्टार वेन्यू, सजावट, खान पान, महंगे-महंगे गिफ्ट्स पर लोग अनाप-शनाप पैसा खर्च कर रहे हैं ताकि सोसाइटी में उनकी इज्जत के साथ चर्चा भी हो। मगर अब ऐसा करना मुसीबत बन सकता है। दरअसल शादी में बेहिसाब दौलत लुटाने वाले लोगों पर अब इनकम टैक्स विभाग की नजर टेढ़ी हो गई है। आयकर विभाग का कहना है कि लोग शादियों में ब्लैक मनी को खपा रहे हैं। इसके लिए देशभर के बड़े वेडिंग प्लानर्स भी आईटी डिपार्टमेंट के रडार पर हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार इनकम टैक्स विभाग को जानकारी मिली है कि पिछले एक साल में शादियों के आयोजन में लगभग 7500 करोड़ की रुपये की ऐसी रकम खर्च की गई जिसका कहीं कोई हिसाब ही नहीं है। विभाग के अनुसार यह ब्लैकमनी है जो शादी बारात के आयोजन में खपा दी गई। ज्यादातर बड़ी बड़ी शादियां वेडिंग प्लानर के जरिए आयोजित की जाती हैं। शादियों में आने वाले खर्च का लगभग 55 से 60 फीसदी पैसा वेडिंग प्लानर्स को पार्टी के द्वारा कैश में भुगतान किया जाता है, इस पैसे का कहीं कोई हिसाब नहीं लग पाता।
इनकम टैक्स विभाग द्वारा राजस्थान के जयपुर में लगभग 20 ऐसे वेडिंग प्लानर्स जो बड़ी-बड़ी शादियों को ऑर्गेनाइज कराते हैं, उनके यहां छापेमारी की गई है। इस तरह की छापेमारी की कार्रवाई आगे भी जारी रह सकती है। इनकम टैक्स विभाग का छापेमारी में मुख्य फोकस उस कैश लेन देन पर है जो वेडिंग प्लानर्स को पार्टियों द्वारा दिया गया। दरअसल आजकल देशभर से लोग राजस्थान के शाही महलों जो अब आलीशान होटलों में बदल चुके हैं में डेस्टिनेशन वेडिंग को तरजीह दे रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यही कारण है कि इनकम टैक्स विभाग ने जयपुर के वेडिंग प्लानर्स के यहां से छापेमारी की शुरुआत की।