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Eye On Adversary: चीन के खिलाफ भारतीय सेना को मिली ये ताकत, ड्रैगन की हर चाल होगी नाकाम

मोदी सरकार ने सेना, नौसेना और वायुसेना को इमरजेंसी खरीद के लिए 500 करोड़ रुपए की धनराशि दे रखी है। इस धनराशि से खरीद के लिए सेना को सरकार से किसी तरह की मंजूरी भी नहीं लेनी पड़ती।

लेह। भारतीय सेना को चीन के खिलाफ बड़ी ताकत मिली है। इस ताकत से ड्रैगन की हर चाल पर नजर रखकर उसे नाकाम करने में सफलता मिलेगी। हम बात कर रहे हैं इजरायल से मिली तकनीकी के बारे में। भारतीय सेना ने इमरजेंसी खरीद के तहत इजरायल से नए हेरोन ड्रोन हासिल किए हैं। ये पहले मिले हेरोन ड्रोन्स के मुकाबले ज्यादा अच्छी तकनीकी वाले हैं। नए हेरोन ड्रोन्स से और बेहतर तरीके से दुश्मन के विमान, आर्टिलरी और अन्य रेडार को जाम किया जा सकेगा। इससे सर्विलांस भी बेहतर होगी और चीन की सेना की हर गतिविधि को एलएसी के पास गए बगैर रियल टाइम में देखना भी आसान हो जाएगा। सेना ने ये हेरोन ड्रोन इमरजेंसी खरीद के तहत लिए हैं। बता दें कि मोदी सरकार ने सेना, नौसेना और वायुसेना को इमरजेंसी खरीद के लिए 500 करोड़ रुपए की धनराशि दे रखी है। इस धनराशि से खरीद के लिए सेना को सरकार से किसी तरह की मंजूरी भी नहीं लेनी पड़ती।

नौसेना ने भी इमरजेंसी खरीद के तहत अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स से तीन प्रीडेटर ड्रोन लिए हैं। जबकि, मोदी सरकार सेना, नौसेना और वायुसेना में से हर एक के लिए 30-30 हमलावर ड्रोन भी खरीदने जा रही है। इन 90 ड्रोन्स के आने के बाद सेना के तीनों अंगों के लिए दुश्मन पर वार करने की नई ताकत भी मिल जाएगी। अमेरिका से इन ड्रोन्स की खरीद का सौदा अगले महीने होने की उम्मीद जताई जा रही है।

फिलहाल सेना ने इमरजेंसी खरीद के तहत एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, गाइडेड तोप के गोले, हैमर मिसाइल वगैरा खरीदे हैं। सेना के तीनों अंग अब और भी हथियार खरीदने के लिए बातचीत कर रहे हैं। आने वाले दिनों में चीन और पाकिस्तान के खिलाफ सेना और वायुसेना कई और अत्याधुनिक हथियार भी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं।