नई दिल्ली। पिछले पांच वर्षों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की में भारत ने अधिक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में एक शानदार यात्रा तय की है। समग्र विकास पर सरकार के प्रयासों से गरीबी में बड़ी कमी आई है। इस बारे में जो रिपोर्ट सामने आई है वो नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) से सामने आई है।
मोदी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप लगभग 13.5 करोड़ लोग यानि देश की लगभग 10 प्रतिशत आबादी मार्च 2021 तक की अवधि में गरीबी से बाहर निकली। यह उपलब्धि पोषण, शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश की प्रगति का एक प्रमाण है। स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छता, वित्तीय समावेशन, पेयजल और बिजली के क्षेत्र में मोदी सरकार के दौरान विकास हुआ है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में गरीबी के कुल अनुपात में भारी गिरावट देखी गई है, जो 2015-16 में 24.85 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 14.96 प्रतिशत हो गई है। इसी अवधि में गरीबी की तीव्रता भी 47 प्रतिशत से कम होकर 44 प्रतिशत हो गयी है।
With PM Modi at the helm, we are witnessing the rise of an Aatmanirbhar & Aspirational India!
Here’s a look at some key interventions over the last 5 years that ensured a dramatic reduction in Multidimensional Poverty
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— narendramodi_in (@narendramodi_in) August 1, 2023
सरकार के इन इन प्रयासों का प्रभाव एमपीआई के सभी 12 इंडिकेटर्स से स्पष्ट है, जो पंजाब, झारखंड, मेघालय, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बड़ा सुधार दर्शाता है। प्रमुख सरकारी पहलों ने इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जल जीवन मिशन ने ग्रामीण घरों में नल के पानी की पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जो 16.66 प्रतिशत से बढ़कर प्रभावशाली 65.17 प्रतिशत हो गई है। पीएम सौभाग्य योजना ने 100 प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण हासिल किया, जिससे देश के हर कोने में रोशनी पहुंची। पीएम जन धन योजना के माध्यम से वित्तीय समावेशन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता से 49.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को लाभ हुआ है, जबकि 4 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है, जिससे जरूरतमंद लोगों को आश्रय मिला है। कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना ने 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 1,120 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न पहुंचाया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें।
इसके अतिरिक्त, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने 60 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान किया है, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच प्राप्त हुई है।