नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले ही लुलु मॉल में नमाज अदा किए जाने का वीडियो सामने आया था, जिसके बाद सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया था। विरोध में हिंदू संगठनों की ओर से भी मॉल में हनुमान चालीसा पढ़ी गई, जिसके बाद पुलिस की एंट्री हुई। अब पुलिस के साथ-साथ पूरे मसले में सियासी दलों की भी एंट्री हो चुकी है। हालांकि, भारी विरोध को देखते हुए लुलु मॉल की तरफ से साफ निर्देश दिए जा चुके हैं कि मॉल में किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि को करने की इजाजत नहीं है। वहीं, मॉल के मालिक ने अपने बचाव में दलील देते हुए कहा कि उनके यहां कार्यरत 80 फीसद कर्मचारी हिंदू हैं। बहरहाल, यह सब पढ़ने के बाद आप मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर यह सब हमें फिर से क्यों बताया जा रहे हैं। आखिर माजरा क्या है?
तो माजरा यह है कि लुलु मॉल में नमाज पढ़े जाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब प्रयागराज रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में बच्चों द्वारा नमाज पढ़े जाने का मामला प्रकाश में आया है। बता दें कि बचपन बचाओ संस्था की ओर से दी गई शिकायत पर आरपीएफ टीम ने बच्चों को ट्रेन से उतार दिया। ये सभी बच्चे जनरल कोच में बैठे हुए थे। पूछताछ में पता चला है कि ये सभी बच्चे फेतहपुर के जामिया मस्जिद के मदरसे से हैं। वहीं पर इन बच्चों को ले जाया जा रहा था, जहां इन्हें अच्छी तालीम प्रदान की जाती है। बता दें कि जब यह बच्चे वेटिंग रूम में नमाज अदा कर रहे थे, तभी किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसके बाद इसकी शिकायत आरपीएफ को की गई थी। जिसके बाद मामला संदिग्ध लगा, तो बच्चों से पूछताछ भी की गई थी।
➡️प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल
➡️महानंदा एक्सप्रेस से नाबालिग बच्चों को ले जा रहे लोगों को आरपीएफ ने पकड़ा
➡️बाल कल्याण समिति उनसे कर रही पूछताछ
➡️बच्चों को ले जा रहा मदरसे का शिक्षक बच्चों को लेकर पढ़ने लगा नमाज#Prayagraj pic.twitter.com/Wv5ivoTW7R
— TV9 Uttar Pradesh (@TV9UttarPradesh) July 22, 2022
ध्यान रहे कि अभी यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि, अभी तक इस पूरे मामले में ऐसा कोई भी संदिग्ध तत्व नजर नहीं आया है, जिस पर आगे चलकर कोई विवेचना की जा सकें। गौरतलब है कि बीते दिनों राजधानी लखनऊ के लुलु मॉल में भी नमाज पढ़े जाने का वीडियो प्रकाश में आया था, जिसके बाद खूब विवाद देखने को मिला था। ऐसे में किसी सार्वजनिक स्थल पर एक बार फिर नमाज पढ़े जाने की कोशिश एक और विवाद को जन्म देने की संभावना पैदा करती हुई नजर आ रही है।