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India Beats Britain: भारत की एक और बड़ी उपलब्धि, ब्रिटेन को पछाड़कर अब बना दुनिया की 5वीं बड़ी आर्थिक ताकत

भारत ने ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लिया है। भारत से आगे अब अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं। बता दें कि ब्रिटेन में अभी पीएम पद के लिए सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी में जंग चल रही है। इस बीच उसे ये तगड़ा झटका माना जा रहा है। भारत जिस तरह तरक्की कर रहा है, उससे साल 2025 के आसपास वो 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था भी बन जाएगा।

नई दिल्ली। भारत ने ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लिया है। भारत से आगे अब अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं। बता दें कि ब्रिटेन में अभी पीएम पद के लिए सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी में जंग चल रही है। इस बीच उसे ये तगड़ा झटका माना जा रहा है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक भारत जिस तरह तरक्की कर रहा है, उससे साल 2025 के आसपास वो 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था भी बन जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी साल तक भारत को इस उपलब्धि तक पहुंचाने की बात भी कही है। बीते दिनों ये आंकड़ा भी सामने आया था कि दुनियाभर में मंदी की आहट के बीच भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी इस साल अप्रैल से जून के बीच 13.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। जबकि, अमेरिका और चीन उससे कहीं पीछे रहे।

imf graph on india and british economy

तमाम एजेंसियों ने इस साल भारत की अर्थव्यवस्था GDP के औसत 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान भी लगाया है। MSCI मार्केट इंडेक्स में भारत पिछली तिमाही में नंबर 2 रहा। सिर्फ चीन उससे आगे था। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF के मुताबिक अमेरिकी डॉलर पर आधारित गणना के तहत भारत अब 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना है। आईएमएफ के अनुसार डॉलर एक्सचेंज रेट के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था इस साल मार्च तक 854.7 अरब डॉलर था। जबकि, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 816 अरब डॉलर रहा। कैश की बात करें, तो दूसरी तिमाही में ब्रिटेन की जीडीपी महज 1 फीसदी बढ़ी। अगर इसमें महंगाई के आंकड़े को जोड़ें, तो उसकी जीडीपी 0.1 फीसदी कमजोर भी हुई।

इतना ही नहीं, रुपए के मुकाबले ब्रिटिश मुद्रा पाउंड का प्रदर्शन भी डॉलर के अनुपात में 8 फीसदी कमजोर रहा। खास बात ये कि महज 10 साल पहले तक दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत 11वें नंबर पर था और ब्रिटेन 5वां था। ब्रिटेन के लिए ये चिंताजनक स्थिति है। वहां बीते 40 साल में महंगाई तेजी से बढ़ी है। मंदी की आहट से देश के लोग परेशान हैं। बैंक ऑफ इंग्लैंड के मुताबिक साल 2024 तक ब्रिटेन की ये हालत बनी रह सकती है।