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Indian Armed Forces: कोरोना के बढ़ते संकट के बीच भारतीय सेना ने कसी कमर, रक्षा मंत्री ने भी दिए कई निर्देश

Indian Armed Forces: भारतीय सेना की सभी कमान के लोकल कमांडरों को ये निर्देश दिए गए हैं जहां भी अतिरिक्त बेड हों वो सिविल के कोविड मरीजो को दें। यही नहीं ज्यादातर मेडिकल स्टाफ को कोविड अस्पताल में सिविल डॉक्टरों की मदद के लिए तैनात किया गया है।

नई दिल्ली। भारतीय सेना के तीनों अंग अपने सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारीजनों की देख-रेख में तो जुटे ही हुए हैं, साथ-साथ सिविल अस्पतालों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सेना के सभी अस्पताल इस वक्त पूरी तरह से भरे हुए हैं। लिहाजा दिल्ली के बेस अस्पताल को पूरा कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। भारतीय सेना की सभी कमान के लोकल कमांडरों को ये निर्देश दिए गए हैं जहां भी अतिरिक्त बेड हों वो सिविल के कोविड मरीजो को दें। यही नहीं ज्यादातर मेडिकल स्टाफ को कोविड अस्पताल में सिविल डॉक्टरों की मदद के लिए तैनात किया गया है। 23 अप्रैल तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली के पटेल कोविड अस्पताल में सेना के 72, अहमदाबाद में 35 और पटना में 35 मेडिकल स्टाफ को तैनात किया जा चुका है। सेना के एक अधिकारी के मुताबिक ये उस तरह की स्थिति है जब युद्ध के समय भारतीय सेना वॉर प्लान के तहत सिविल के अस्पतालों की सेवाए लेती है। लेकिन इस समय में रिवर्स स्थिति हो गई है। अब सिविल को सेना के अस्पतालों की सेवाएं लेनी पड़ रही हैं।

Indian Army and Narendra Modi

सीडीएस जनरल बिपिन रावत बोले, सशस्त्र बलों के लिए यह उठ खड़े होने का समय

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को सशस्त्र बलों का आह्वान किया कि वे उठ खड़े हों और महामारी से निपटने तथा समयबद्ध तरीके से बीमारी की रोकथाम से संबंधित सुविधाएं उत्पन्न करने में नागरिक प्रशासन की मदद करें। जनरल रावत ने अपने संदेश में कहा कि इस परिस्थिति में समय पर मदद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों के लिए यह उठ खड़े होने तथा समयबद्ध तरीके से कोविड रोकथाम संबंधी सुविधाएं उत्पन्न करने में नागरिक प्रशासन की मदद करने का समय है।’’

सीडीएस ने कहा, ‘‘वर्दीधारी हमारे स्त्री-पुरुषों में हर जगह हर समय बाधाओं को तोड़ने और आगे बढ़ने के लिए इच्छाशक्ति तथा समर्पण भाव है।’’ जनरल रावत का यह संदेश ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की जानकारी दी।

Bipin Rawat

उन्होंने कहा, ‘‘हम कर सकते हैं और हम करेंगे, आगे बढ़ें, अभी हमें लंबी यात्रा तय करनी है।’’ सेना के तीनों अंग और रक्षा मंत्रालय की विभिन्न शाखाएं महामारी से निपटने के लिए कई कदम उठा रही हैं। भारतीय वायुसेना खाली ऑक्सीजन टैंकरों और कंटेनरों को फिलिंग स्टेशनों तक पहुंचाने तथा कोविड अस्पतालों के लिए आवश्यक दवाएं और उपकरण पहुंचाने के काम में लगी है।

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राजनाथ ने अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती को मंजूरी दी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मौजूदा कोविड-19 संकट से निपटने के लिए देश भर के भीड़-भाड़ वाले 51 पूर्व सैन्यकर्मी अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) पॉलीक्लिनिक में अधिकृत कर्मचारियों के अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों की अस्थायी भर्ती को मंजूरी दे दी है। इन ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक के लिए एक-एक चिकित्सा अधिकारी, नसिर्ंग असिस्टेंट, फार्मासिस्ट, वाहन चालक और चौकीदार सहित अनुबंध कर्मचारियों को तीन महीने की अवधि के लिए सामान्य कामकाज के घंटों के इतर रात में काम करने के लिए स्टेशन मुख्यालय के माध्यम से काम पर रखा जाएगा।

bipin rawat and rajnath singh

इस फैसले से इन शहरों में पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके आश्रितों के लिए रात के घंटों के दौरान भी तत्काल चिकित्सा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इस मंजूरी की वैधता 15 अगस्त, 2021 तक है।रक्षा प्रमुख यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। उन्होंने कोरोना महामारी से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों और अभियानों की समीक्षा की।

रक्षा प्रमुख ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि पिछले 2 वर्षों में सेवानिवृत्त या समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने वाले सशस्त्र बलों के सभी चिकित्साकर्मियों को उनके वर्तमान निवास स्थान के निकट स्थित कोविड अस्पतालों में कार्य करने के लिए वापस बुलाया जा रहा है। अन्य चिकित्सा अधिकारियों, जो और पहले सेवानिवृत्त हुए थे, से भी अनुरोध किया गया है कि वे परामर्श के लिए अपनी सेवाएं चिकित्सा आपातकालीन हेल्पलाइन के माध्यम से उपलब्ध कराएं।

Rajnath Singh Mask

प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि कमांड मुख्यालय, कोर मुख्यालय, डिवीजन मुख्यालय और इसी तरह के नौसेना एवं वायु सेना के मुख्यालय में स्टाफ अपॉइंटमेंट पर तैनात सभी चिकित्सा अधिकारियों को अस्पतालों में नियुक्त किया जाएगा। रक्षा प्रमुख ने प्रधानमंत्री को सूचित किया कि अस्पतालों में डॉक्टरों के पूरक कार्यों में सहायता करने के लिए बड़ी संख्या में नसिर्ंग कर्मियों को नियुक्त किया जा रहा है। प्रधानमंत्री को यह भी जानकारी दी गई कि सशस्त्र बलों के विभिन्न प्रतिष्ठानों में उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों के लिए जारी किए जाएंगे। रक्षा प्रमुख ने यह भी कहा कि वे बड़ी संख्या में चिकित्सा सुविधाएं तैयार कर रहे हैं और जहां संभव हो सकेगा, सैन्य चिकित्सा से जुड़ी अवसंरचना को नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना द्वारा भारत और विदेशों में ऑक्सीजन एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाए जा रहे अभियानों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने रक्षा प्रमुख के साथ इस बात पर भी चर्चा की कि केंद्रीय एवं राज्य सैनिक कल्याण बोडरें और विभिन्न मुख्यालयों के वरिष्ठ सैन्य कर्मी प्रकोष्ठों में तैनात अधिकारियों को सुदूर क्षेत्रों सहित अधिकतम सीमा तक पहुंच को विस्तारित करने के लिए वरिष्ठ सैन्य कर्मियों की सेवाओं के समन्वय के निर्देश दिए जा सकते हैं।