नई दिल्ली। कोरोना काल (Corona era) में भी नापाक हरकतों से बाज नहीं आने वाले चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) को अब सबक सिखाने के लिए भारत सरकार (Indian Govt) ने बड़ा कदम उठाया है। एक तरफ जहां पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भी लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। ऐसे में अब दोनों पड़ोसी मुल्कों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय सेना को उपकरण और हथियारों की खरीद के लिए 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम की मंजूरी दी है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न आवश्यक उपकरणों के लिए पूंजी अधिग्रहण के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इनकी अनुमानित लागत 2,290 करोड़ रुपये की बताई जा रही है। मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इस आवंटित राशि से घरेलू उद्योग के साथ-साथ विदेशी विक्रेताओं से खरीद भी की जा सकती है।
सोमवार को डीएसी मीटिंग में हाई फ्रिक्वेंसी रेडियो सेट और स्मार्ट एंटी एयर फील्ड वेपन की खरीद को भी मंजूरी मिली। इसके लिए 540 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है। स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन के लिए 970 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है। हाई फ्रिक्वेंसी रेडियो सेट आर्मी की फील्ड यूनिट और एयरफोर्स के लिए कम्युनिकेशन में मददगार साबित होंगे। वहीं, स्मार्ट एंटी एयर फील्ड वेपन नेवी और एयरफोर्स दोनों की ताकत को बढ़ायेगा। रक्षा मंत्रालय ने इंडियन आर्मी के लिए 72 हजार और अमेरिकी सिग सॉर असॉल्ट राइफल की खरीद को मंजूरी दी है। आर्मी को 72 हजार राइफल पहले ही मिल चुकी हैं, अब और 72 हजार राइफल मिलेंगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को एक नयी रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीएपी) को जारी किया, जिसमें भारत को सैन्य प्लेटफॉर्म का वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने, रक्षा उपकरणों की खरीद में लगने वाले समय को कम करने तथा तीनों सेनाओं द्वारा एक सरल प्रणाली के तहत पूंजीगत बजट के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की खरीद की अनुमति देने जैसी विशेषताएं हैं।
A new procedure has been included as a new chapter in DAP and structured as an enabling provision for Services to procure essential items through Capital Budget under a simplified procedure in a time bound manner.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 28, 2020