
मुंबई। चीन और उसके दोस्त पाकिस्तान को अब भारत से और सतर्क रहने की जरूरत होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में देश में बने स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर पोत ‘मारमागाओ’ को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस डिस्ट्रॉयर से देश की समुद्री सीमा की सुरक्षा और चौकस हो जाएगी। मारमागाओ डिस्ट्रॉयर पूरी तरह स्टेल्थ है। यानी दुश्मन के इलाके में ये पहुंच भी जाएगा और रडार क्रॉस सेक्शन कम होने की वजह से दुश्मन को इसके आने का पता तक नहीं चलेगा। नौसेना के कमांडर अंशुल शर्मा के मुताबिक मारमागाओ पी-15 ब्रेवर क्लास का दूसरा युद्धपोत है। ये जहाज आज लॉन्च होते ही ऑपरेशन के लिए तैनात किया जा सकेगा। अत्याधुनिक हथियार, मिसाइलों और सेंसर इसमें लगे हैं। एंटी एयर और एंटी सबमरीन यानी हवाई और पनडुब्बी के हमलों से बचने के लिए इसमें अतिरिक्त साज-ओ-सामान भी लगाए गए हैं।
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मारमागाओ को भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। इसे मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है। गोवा के बंदरगाह शहर मारमागाओ के नाम पर इस युद्धपोत का नाम रखा गया है। पहले इसे 19 दिसंबर 2021 को समुद्र में उतारकर ट्रायल किया गया था। उस तारीख को गोवा से पुर्तगाली शासन के खत्म होने के 60 साल पूरे हुए थे। कमांडर अंशुल शर्मा के मुताबिक जहाज की लंबाई 163 मीटर है। इसकी चौड़ाई महज 17 मीटर है। इसी वजह से ये रडार की नजरों से बच जाता है। मारमागाओ का वजन 7400 टन है। चार गैस टर्बाइन वाला मारमागाओ 30 नॉटिकल यानी समुद्री मील की रफ्तार से तैर सकता है।
मारमागाओ के हथियारों की बात करें, तो इसमें रॉकेट लॉन्चर, ब्रह्मोस और बराक मिसाइलें लगी हैं। टॉरपीडो भी इससे पनडुब्बी या दूसरे दुश्मन के युद्धपोत पर दागे जा सकते हैं। एसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर भी इसमें रहेगा। हमलों का सामना करने के लिए मारमागाओ को 127 मिलीमीटर के तोप से सज्जित किया गया है। 300 किलोमीटर दूरी के लक्ष्य को भेद सकने में सक्षम मारमागाओ एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम से भी लैस है। इसके अलावा एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर भी इसमें लगा है। यानी दुश्मन की पनडुब्बी अगर घात लगाकर मारमागाओ पर हमला करने आएगी, तो बचकर जा नहीं सकेगी। कुल मिलाकर हिंद महासागर में प्रभुत्व कायम करने की कोशिश कर रहे चीन और उसके साथी पाकिस्तान की नींद आज से और हराम होने जा रही है।