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Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे छिपा है आदि विश्वेश्वर मंदिर का सबसे अहम सबूत? जानिए ये शक क्यों जता रहा है हिंदू पक्ष

ज्ञानवापी मस्जिद के 2 तहखाने अभी बंद हैं। जब सिविल जज सीनियर डिवीजन ने एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे कराया था, तब मुस्लिम पक्ष ने इन दो तहखानों को नहीं खोला था। अब सुप्रीम कोर्ट से भी वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर के सर्वे के लिए कहा गया है। ऐसे में तहखाने भी खोले जाएंंगे।

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे आज भी जारी है। बीते कल सर्वे के दौरान एएसआई की टीम ने मस्जिद परिसर की पैमाइश पूरी कर ली। इसके अलावा ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार से लेकर बैरिकेडिंग तक की घास हटाई गई। एक तहखाने में लाइट लगाकर वहां का नजारा भी देखा गया। मस्जिद की दीवारों पर कई जगह के फोटो और वीडियो भी एएसआई टीम ने लिए हैं। वहीं, सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे एक खास बात की ओर इशारा किया है। एएसआई की टीम इस जगह की भी जांच करने वाली है।

gyanvapi masjid

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे फर्श पर चोट करने से अजीब सी आवाज आने की बात पहले भी कही थी। यही बात उन्होंने एएसआई की टीम से भी कही है। विष्णु शंकर जैन के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे फर्श पर किसी चीज से चोट करने पर लगता है कि वहां खाली जगह है। पास की एक जगह पर फर्श के नीचे भी इसी तरह की आवाज आने का दावा हिंदू पक्ष करता है। हिंदू पक्ष का मानना है कि इसी जगह आदि विश्वेश्वर मंदिर का शिवलिंग रहा होगा। हिंदू पक्ष चाहता है कि एएसआई इसकी पड़ताल करे, लेकिन कोर्ट की ओर से खोदाई पर रोक के कारण ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार से ही जांच हो सकेगी।

इसके अलावा ज्ञानवापी मस्जिद के 2 तहखाने अभी बंद हैं। जब सिविल जज सीनियर डिवीजन ने एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे कराया था, तब मुस्लिम पक्ष ने इन दो तहखानों को नहीं खोला था। अब सुप्रीम कोर्ट से भी वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर के सर्वे के लिए कहा गया है। ऐसे में एएसआई को इन बंद तहखानों को भी खोलने का हक मिल गया है। आने वाले दिनों में सर्वे से क्या मिलेगा, ये बाद में पता चलेगा, लेकिन हिंदू पक्ष उत्साह में है कि एएसआई सर्वे से ज्ञानवापी मस्जिद से पहले यहां आदि विश्वेश्वर मंदिर होने के ठोस प्रमाण मिल जाएंगे।