नई दिल्ली। आरोग्य सेतु ऐप को लेकर एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) डाली गई थी जिसका जवाब देते समय कहा गया कि इस ऐप को लेकर सरकार के पास कोई स्पष्ट तौर जानकारी नहीं है। बता दें कि इस खबर के सामने आने के बाद विपक्षी दल लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं मामला बिगड़ने के बाद सूचना आयोग ने एनआईसी समेत कई चीफ पब्लिक इंफॉर्मेशन अधिकारियों, नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसके अलावा अब आईटी मंत्रालय ने RTI में आरोग्य सेतु को लेकर सही जानकारी ना देने वाले अक्षम अधिकारियों पर कार्रवाई करने का विचार किया है। बता दें कि मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि 8 अप्रैल 2020 को आरोग्य सेतु को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसमें एनआईसी(NIC) के महानिदेशक को आरोग्य सेतु मिशन के प्रमुख के रूप में नामित किया गया था और एक टीम बनाई गई थी।
मतलब साफ है कि आरोग्य सेतु की जानकारी को लेकर जो जानकारी RTI में दी गई है, वो निराधार है और सरकार को इस ऐप की स्पष्ट जानकारी है। आईटी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह स्पष्ट है कि यह ऐप भारत सरकार द्वारा कुछ भारतीय तकनीकी कंपनियों की मदद के साथ विकसित और प्रबंधित किया गया था। हालांकि इसकी सही जानकारी RTI के जवाब में नहीं दी गई।
8 अप्रैल को आरोग्य सेतु के लिए जारी किया गया सरकार का आदेश
ऐसी स्थिति में आरटीआई की जानकारी में सरकार द्वारा आरोग्य सेतु के लिए 8 अप्रैल 2020 को दिए गए आदेश जिसमें आरोग्य सेतु मिशन में अधिकारियों की नियुक्ति का खुलासा नहीं करना, जिम्मेदार अधिकारियों की तरफ से एक चूक दिखती है। इसको देखते हुए अब मंत्रालय ऐसे अक्षम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है।