नई दिल्ली। आरएलडी के यूपी प्रवक्ता रहे कमल गौतम ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के बारे में दिए बयान की आलोचना की थी। इसका खामियाजा आरएलडी के सभी राष्ट्रीय और उत्तर प्रदेश के प्रवक्ताओं को भुगतना पड़ा है। बड़ी कार्रवाई करते हुए आरएलडी चीफ और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने पार्टी के सभी प्रवक्ताओं को हटाने का आदेश दिया है। आरएलडी के संगठन महासचिव त्रिलोक त्यागी की तरफ से जारी पत्र में बताया गया है कि पार्टी सभी राष्ट्रीय और उत्तर प्रदेश के प्रवक्ताओं को निरस्त कर रही है। बता दें कि आरएलडी एनडीए के तहत बीजेपी का सहयोगी दल है। ऐसे में बीजेपी के बड़े नेता के बयान पर उल्टी प्रतिक्रिया देने को जयंत चौधरी ने गलत माना है।
राज्यसभा में अमित शाह के आंबेडकर पर दिए बयान का छोटा हिस्सा काटकर सोशल मीडिया के जरिए सर्कुलेट कर कांग्रेस और विपक्षी दल लगातार बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं। वहीं, बीजेपी की तरफ से कांग्रेस पर आंबेडकर विरोधी होने का आरोप लगातार लगाया जा रहा है। अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान कहा था कि कांग्रेस ने हमेशा आंबेडकर का अपमान किया, लेकिन अब वो उनका नाम लगातार जपती है। अमित शाह ने कहा था कि हमें तो आनंद है कि आंबेडकर का नाम लेते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल भी दागा था कि वो बताए कि आंबेडकर जी ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया?
वहीं, कांग्रेस और विपक्षी दल ये कहकर हंगामा खड़ा किए हुए हैं कि अमित शाह ने कई बार आंबेडकर…आंबेडकर कहने के बाद ये भी कहा कि इतना अगर भगवान का नाम लेते, तो स्वर्ग मिल जाता। बस इतने हिस्से को लेकर ही कांग्रेस और विपक्षी दल बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि, अमित शाह ने अपने बयान में देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू की बीसी रॉय को लिखी चिट्ठी भी पढ़ी थी। जिसमें जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था कि राजाजी अगर मंत्रिमंडल से जाएंगे, तो थोड़ा बहुत नुकसान होगा। आंबेडकर के जाने से मंत्रिमंडल कमजोर नहीं होता है। जब अमित शाह ने अपने बयान में आंबेडकर के मसले पर कांग्रेस को इस तरह घेरा, तो उन्होंने बयान के छोटे से हिस्से को उठाकर हंगामा काट दिया।